
इंदौर/फरीदाबाद: दिल्ली धमाकों के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी के मालिक जवाद अहमद सिद्दीकी का नाम चर्चा में है। जवाद मध्य प्रदेश के महू का रहने वाला है और उस पर पहले निवेशकों से रुपए डबल करने का झांसा देकर ठगी करने का आरोप था।
महू से फरीदाबाद तक का सफर
- जवाद अहमद सिद्दीकी 25 साल पहले महू छोड़कर फरीदाबाद चले गए। महू से फरीदाबाद की दूरी लगभग 773 किमी है।
- महू में रहते हुए उन्होंने इन्वेस्टमेंट कंपनी “अल-फलाह इन्वेस्टमेंट” चलाई, जिसमें लोगों से निवेश लेकर रुपए डबल करने का झांसा दिया गया। हालांकि, निवेशकों को उनका पैसा वापस नहीं मिला।
- दबाव बढ़ने पर वह रातोंरात महू से गायब हो गए और फरीदाबाद में बसकर फिर व्यवसाय और शिक्षा क्षेत्र में कदम रखा।
शिक्षा क्षेत्र में कदम
- फरीदाबाद में जवाद ने सबसे पहले इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना 1997 में की।
- इसके बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी की स्थापना की।
- यूनिवर्सिटी को 2019 में एमबीबीएस पढ़ाई की मान्यता मिली, और उसी साल पहला मेडिकल बैच दाखिला हुआ।
- यूनिवर्सिटी में 650 बेड का अस्पताल और अन्य कॉलेज भी शामिल हैं।
विवाद और पुलिस जांच
- जवाद पर महू में ठगी के मामले में पहले भी आरोप लगे थे, उनके भाई पर भी केस दर्ज हुआ।
- दिल्ली धमाकों के बाद पुलिस जवाद के पुराने संपर्कों और गतिविधियों की जांच कर रही है।
- जवाद अहमद सिद्दीकी की यूनिवर्सिटी में काम करने वाले डॉक्टरों के लिंक अब जांच एजेंसियों के रडार पर हैं।
विशेषज्ञों की राय:
जवाद अहमद सिद्दीकी की कहानी शिक्षा और निवेश क्षेत्र में होने वाली अनियमितताओं और ठगी की चेतावनी देती है। दिल्ली धमाके से जुड़े संदिग्धों के नेटवर्क की जांच में उनके पुराने व्यवसाय और संपर्क अहम सबूत साबित हो सकते हैं।