
नई दिल्ली। रिश्तों में तकरार होना आम बात है, लेकिन उन्हें संभालना समझदारी की पहचान होती है। इसी समझदारी का हल्का-फुल्का, मगर बेहद असरदार मंत्र हाल ही में एक शादी समारोह में टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने दिया, जो अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है।
शादी के मंच पर दूल्हा-दुल्हन के साथ हंसी-मजाक के माहौल में धोनी ने रिश्तों को लेकर ऐसा मजेदार अनुभव साझा किया, जिसने सभी को ठहाके लगाने के साथ सोचने पर भी मजबूर कर दिया। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा,
“कुछ लोगों को आग से खेलने का शौक होता है। ये मत सोचना कि मेरी वाली अलग है। जितने भी यहां हसबैंड हैं, सबका वही हाल है।”
उनकी इस बात पर पूरा हॉल तालियों और हंसी से गूंज उठा।
हंसी में छिपी गहरी सीख
धोनी की यह बात भले ही मजाक में कही गई हो, लेकिन इसमें रिश्तों की एक बड़ी सच्चाई छिपी है। अक्सर छोटे-छोटे मुद्दों पर तुरंत प्रतिक्रिया देने से बात बिगड़ जाती है। रिश्तों के जानकार भी मानते हैं कि गुस्से के समय की गई बातचीत गलतफहमियों को बढ़ाती है, जबकि थोड़ा रुककर, शांत होकर की गई बात रिश्तों को मजबूत बनाती है।
‘स्पेस’ और ‘टाइम’ का महत्व
धोनी की सलाह का मूल मंत्र है—सही समय पर चुप रहना। अगर पार्टनर गुस्से या चिड़चिड़े मूड में हो, तो उस वक्त बहस करने के बजाय थोड़ा स्पेस देना ज्यादा समझदारी होती है। बातचीत तभी असरदार होती है, जब सामने वाला सुनने की मानसिक स्थिति में हो।
कैप्टन कूल का कूल माइंडसेट
मैदान पर अपनी शांति और धैर्य के लिए मशहूर धोनी ने यही ‘कूल माइंडसेट’ रिश्तों में अपनाने की बात कही। उन्होंने दुल्हन को सलाह देते हुए कहा,
“जब भी हसबैंड गुस्से में हो, उस वक्त कुछ मत बोलना। हम लोग पांच मिनट में खुद ही ठंडे हो जाते हैं।”
मजाकिया अंदाज में कही गई यह बात रिश्तों में संतुलन और समझ का मजबूत संदेश दे गई।
5 मिनट का नियम, बड़ा असर
धोनी का यह ‘5 मिनट का नियम’ शादीशुदा जोड़ों के लिए एक सरल लेकिन कारगर फॉर्मूला है। गुस्से में बोले गए शब्द जहां रिश्तों में दरार डाल सकते हैं, वहीं पांच मिनट की खामोशी कई बड़े झगड़ों को टाल सकती है।
निष्कर्ष
धोनी की यह सलाह बताती है कि रिश्ते जीतने के लिए हर बहस जीतना जरूरी नहीं। कभी-कभी चुप रह जाना, थोड़ा रुक जाना ही सबसे बड़ी समझदारी होती है। यही है कैप्टन कूल का रिलेशनशिप मंत्र—शांत रहो, समय दो और प्यार को जीतने दो।