Tuesday, December 30

सफलता की मिसाल: सीए की पढ़ाई छोड़कर सिर्फ ₹25 हजार से शुरू किया काम, अब हर महीने 1.5 लाख रुपये की कमाई

 

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नई दिल्ली: आगरा की 26 वर्षीय वृतिका अग्रवाल ने साबित कर दिया है कि जुनून और सही योजना से सफलता कोई दूर का सपना नहीं। वृतिका ने चार्टर्ड एकाउंटेंसी (सीए) का करियर छोड़कर क्रिएटिविटी की दुनिया में कदम रखा और सिर्फ 25,000 रुपये से अपना स्टार्टअप ‘हाउस ऑफ ऑरा’ शुरू किया। आज यह स्टार्टअप हैंड-मेड और कस्टमाइज्ड मोमबत्तियों के जरिए हर महीने औसतन 1.5 लाख रुपये तक कमाई कर रहा है।

 

सीए की पढ़ाई छोड़ शुरू किया मन का काम

 

बी.कॉम के बाद वृतिका ने सीए बनने का सपना देखा, लेकिन कोरोना महामारी के दौरान उन्हें अपनी रुचि का एहसास हुआ। अपने माता-पिता के संशय के बावजूद उन्होंने तैयारी छोड़ दी और सोशल मीडिया फ्रीलांसिंग शुरू की। तीन साल तक फ्रीलांसिंग करते हुए विभिन्न ब्रांड्स को डिजिटल पहचान दिलाने के बाद वृतिका ने अपना ब्रांड बनाने का निर्णय लिया।

 

सिर्फ 25,000 रुपये से की शुरुआत

 

वृतिका ने अपनी बचत से 25,000 रुपये जुटाए। इसमें 12,000 रुपये कच्चे माल के लिए, 6,000 रुपये पैकेजिंग पर और 4,000 रुपये जरूरी उपकरणों के लिए रखे। शुरुआती चुनौतियों के बावजूद उन्होंने हर मुनाफे को वापस बिजनेस में निवेश किया और इसे धीरे-धीरे बढ़ाया।

 

अपनाया अनोखा बिजनेस मॉडल

 

बाजार में अलग दिखने के लिए वृतिका ने ‘स्टोरी-टू-कैंडल’ कॉन्सेप्ट अपनाया। इसमें ग्राहक अपनी यादें या भावनाएं साझा करते हैं, जिन्हें वृतिका कस्टमाइज्ड मोमबत्ती में बदल देती हैं। चाय, आम या किसी खास याद से जुड़ी सुगंध वाली मोमबत्तियां ग्राहकों को बेहद पसंद आईं। आज वृतिका अपनी बहन के साथ मिलकर पूरी प्रोडक्शन प्रक्रिया पर नियंत्रण रखती हैं।

 

सोशल मीडिया से बढ़ी पहुंच

 

इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर ‘बिहाइंड द सीन्स’ वीडियो साझा करके वृतिका ने 1 लाख से अधिक फॉलोअर्स की कम्युनिटी बनाई। उनके स्टार्टअप की औसत कमाई 1.5 लाख रुपये महीना है, जबकि शादियों के सीजन में यह 7 लाख रुपये तक पहुंच जाती है।

 

अन्य उद्यमियों को प्रेरणा

 

10,000 से अधिक ग्राहकों को सेवाएं देने के बाद वृतिका अब नए उद्यमियों को मोमबत्ती बनाने और सोशल मीडिया मार्केटिंग की कोचिंग भी दे रही हैं। उनकी कहानी इस बात का उदाहरण है कि सीमित संसाधनों और साहस के साथ भी आप बड़े सपने सच कर सकते हैं।

 

कहानी का संदेश: जुनून, योजना और निरंतर मेहनत से छोटी शुरुआत भी बड़ी सफलता में बदल सकती है। वृतिका अग्रवाल ने यही साबित कर दिखाया।

 

 

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