
जयपुर। राजस्थान भाजपा ने संगठन स्तर पर बड़ा बदलाव करते हुए छह मोर्चा अध्यक्षों की घोषणा की है। युवा मोर्चा की जिम्मेदारी शंकर गोरा को सौंपी गई है। इस कदम को आगामी चुनावी और सामाजिक समीकरणों की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है।
युवा मोर्चा की कमान शंकर गोरा को
छात्र राजनीति से निकले शंकर गोरा ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में प्रदेश सह मंत्री के रूप में काम किया है। इसके बाद उन्होंने भाजपा में प्रदेश प्रवक्ता की भूमिका निभाई। संगठनात्मक अनुभव, युवाओं में पकड़ और जमीनी सक्रियता के कारण पार्टी नेतृत्व ने उन पर भरोसा जताया और उन्हें युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष बनाया।
अन्य मोर्चों में भी बदलाव
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ ने महिला मोर्चा को छोड़कर अन्य छह मोर्चों के प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा की। इस सूची में दो पूर्व केंद्रीय मंत्री, एक मौजूदा विधायक और संगठन के अनुभवी नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री निहालचंद मेघवाल को अनुसूचित जाति मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
पूर्व केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी को किसान मोर्चा की कमान सौंपी गई।
भीलवाड़ा के विधायक गोपीचंद मीणा को अनुसूचित जनजाति मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया।
लंबे समय से संगठन में सक्रिय महेंद्र कुमावत को ओबीसी मोर्चा की जिम्मेदारी दी गई।
अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष हमीद खां मेवाती को पुनः जिम्मेदारी सौंपी गई।
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार यह बदलाव सिर्फ संगठनात्मक नहीं है। इसे पंचायत, निकाय चुनाव और आगामी राजनीतिक समीकरणों की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। मंत्रीमंडल विस्तार से पहले संगठन को मजबूत करने के इस कदम से भाजपा ने स्पष्ट संदेश दिया है कि राजस्थान में सियासत अब नए दौर में प्रवेश कर चुकी है।