
नई दिल्ली, 11 नवम्बर 2025 — राजधानी दिल्ली में लाल किले के पास हुए भीषण कार धमाके के मामले में जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। इस बीच खुलासा हुआ है कि फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल की महिला प्रमुख डॉक्टर शाहीन शाहिद इस आतंकी नेटवर्क से जुड़ी हुई थी। अधिकारियों के मुताबिक, डॉक्टर शाहीन जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग जमात उल मोमीनात की हेड थी और उसका टारगेट भारत में महिलाओं को टेरर ग्रुप्स से जोड़ना था।
कार में AK-47 बरामद
जांच में पाया गया कि डॉक्टर शाहीन अक्सर कार में AK-47 राइफल रखकर चलती थी। यह खुलासा सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ा सुराग साबित हुआ। डॉक्टर शाहीन को कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फैले टेरर मॉड्यूल में संदिग्ध भूमिका के चलते गिरफ्तार किया गया और पूछताछ के लिए हवाई मार्ग से श्रीनगर लाया गया।
7 अन्य संदिग्ध भी गिरफ्तार
डॉ. शाहीन अकेली नहीं हैं। उसके साथ 7 अन्य संदिग्धों को अलग-अलग इलाकों से गिरफ्तार किया गया। इनमें फरीदाबाद निवासी कश्मीर के डॉ. मुजम्मिल गनी भी शामिल हैं। इस संयुक्त अभियान में जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश और हरियाणा पुलिस तथा केंद्रीय एजेंसियों ने लगभग 2,900 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किए।
दिल्ली ब्लास्ट और फरीदाबाद मॉड्यूल का लिंक
लाल किले के पास हुए धमाके में अब तक 12 लोगों की मौत और दर्जनों घायल हुए हैं। शुरुआती जांच में यह धमाका फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़ा पाया गया है। इस मॉड्यूल में तीन डॉक्टरों को पहले ही गिरफ्तार किया गया था और चौथे डॉक्टर मोहम्मद उमर को ब्लास्ट के समय आई-20 कार में सवार देखा गया।
पाकिस्तान से टेरर लिंक का संकेत
जांच के दौरान सुराग मिले हैं कि इस मॉड्यूल का पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से सीधे संबंध था। डॉक्टर शाहीन के नेतृत्व में महिला विंग ने देश में कई संभावित आतंकियों को सक्रिय करने की योजना बनाई थी।
निष्कर्ष:
लाल किले धमाका अब केवल एक स्थानीय घटना नहीं बल्कि एक बड़े अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क से जुड़ा मामला बन गया है। सुरक्षा एजेंसियां पूरे मामले की गहन जांच में जुटी हैं और अधिकारियों का कहना है कि इस गिरफ्तारी से कई बड़ी साजिशों का पर्दाफाश हो सकता है।