
सीतामढ़ी: बिहार में शिक्षक बहाली प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए शिक्षा विभाग पूरी तरह सतर्क है। फर्जी बहाली रोकने और योग्य अभ्यर्थियों को ही चयन सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने थंब इंप्रेशन और बायोमेट्रिक मिलान की प्रक्रिया को और सख्त कर दिया है।
जांच की प्रक्रिया
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने सभी डीईओ और डीपीओ कार्यालयों को निर्देशित किया है कि स्थानीय निकाय शिक्षकों के लिए सक्षमता परीक्षा, 2025 (चतुर्थ) में शामिल अभ्यर्थियों की थंब इंप्रेशन से तीन बार जांच की जाएगी:
- पहली बार: परीक्षा केंद्र पर परीक्षा के दौरान।
- दूसरी बार: परीक्षा समाप्त होने के बाद, अभ्यर्थी द्वारा मूल प्रवेश पत्र डीपीओ (स्थापना) को समर्पित करने पर। इस दौरान थंब इंप्रेशन/बायोमेट्रिक मिलान किया जाएगा।
- तीसरी बार: सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद काउंसिलिंग के समय, जहां अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच की जाएगी।
29-30 दिसंबर को होगी विशेष जांच
बोर्ड के स्तर से यह जांच 29 और 30 दिसंबर को सभी जिलों में आयोजित की जाएगी। इस दौरान जिला शिक्षा कार्यालय में विशेष एजेंसी द्वारा शिक्षक अभ्यर्थियों का थंब इंप्रेशन और बायोमेट्रिक मिलान किया जाएगा।
विभाग का संदेश
परीक्षा नियंत्रक ने कहा कि विभाग की पूरी कोशिश है कि कोई भी फर्जी या अनुचित अभ्यर्थी बहाली में शामिल न हो सके। थंब इंप्रेशन जांच अब अभ्यर्थियों के लिए अनिवार्य है और इसके बिना बहाली प्रक्रिया पूरी नहीं होगी।
इस कदम से बिहार में शिक्षक बहाली की प्रक्रिया और पारदर्शी बनेगी और योग्य अभ्यर्थियों को ही लाभ मिलेगा।