
उत्तर प्रदेश में चल रही मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के तहत गौतमबुद्धनगर जिले में बड़ा बदलाव सामने आया है। जिले में कुल 4 लाख 48 हजार 15 मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से काट दिए गए हैं, जो कुल मतदाताओं का 24.01 प्रतिशत है। सबसे अधिक नाम नोएडा विधानसभा क्षेत्र में कटे हैं।
जिला निर्वाचन कार्यालय के अनुसार, जिले में लोकसभा चुनाव की मतदाता सूची में दर्ज 18 लाख 65 हजार 673 मतदाताओं का सत्यापन किया गया। इनमें से 14 लाख 17 हजार 669 मतदाताओं (75.99%) ने अपने फॉर्म जमा किए, जिनका डिजिटलाइजेशन कर लिया गया है।
अनुपस्थित, स्थानांतरित और मृत मतदाता सूची से बाहर
जांच के दौरान जिन मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, उन्हें अनुपस्थित, स्थानांतरित अथवा मृत की श्रेणी में रखा गया है। प्रशासन के मुताबिक,
करीब 1.5 लाख मतदाता लापता पाए गए
2.5 लाख से अधिक मतदाता स्थानांतरित हो चुके हैं
48 हजार से अधिक मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है
1.84 लाख मतदाताओं की नहीं हो सकी मैपिंग
निर्वाचन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जमा किए गए फॉर्मों में से 12 लाख 33 हजार 316 मतदाताओं की सफलतापूर्वक मैपिंग हो सकी, जबकि 1 लाख 84 हजार 353 मतदाताओं की मैपिंग नहीं हो पाई। यह संख्या कुल मतदाताओं का 9.88 प्रतिशत है।
इन मतदाताओं द्वारा वर्ष 2003 की मतदाता सूची से संबंधित विवरण प्रस्तुत नहीं किया गया है। ऐसे सभी मतदाताओं को जिला प्रशासन की ओर से नोटिस जारी किए जाएंगे, जिसके बाद साक्ष्य प्रस्तुत करने पर उनके नाम दोबारा जोड़े जा सकेंगे।
जेवर विधानसभा क्षेत्र रहा सबसे आगे
SIR प्रक्रिया में जेवर विधानसभा क्षेत्र का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा।
यहां कुल 3,67,763 मतदाता हैं, जिनमें से
2,93,470 (79.8%) ने फॉर्म जमा किए
2,71,385 मतदाताओं की मैपिंग सफल रही
22,051 मतदाता 2003 का विवरण नहीं दे सके
नोएडा में सबसे अधिक नाम कटे
सबसे अधिक मतदाताओं वाला नोएडा विधानसभा क्षेत्र SIR में सबसे पीछे रहा।
यहां कुल 7,71,082 मतदाता दर्ज हैं, जिनमें से
5,61,764 ने फॉर्म जमा किए
5,01,655 की मैपिंग हो सकी
59,139 आवश्यक विवरण नहीं दे सके
नोएडा में 27.15 प्रतिशत, यानी 2,09,320 मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं।
दादरी में यह संख्या 1,64,395 और जेवर में 74,300 रही।
SIR की आगे की प्रक्रिया
26 दिसंबर: गणना अवधि व मतदान केंद्रों की पुनर्व्यवस्था
27–30 दिसंबर: प्रारूप मतदाता सूची की तैयारी
31 दिसंबर: प्रारूप मतदाता सूची का प्रकाशन
31 दिसंबर–30 जनवरी 2026: दावे और आपत्तियां
31 जनवरी–21 फरवरी: नोटिस, सुनवाई और सत्यापन
25 फरवरी: मतदाता सूची स्वास्थ्य जांच
28 फरवरी: अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन
अधिकारी क्या कहते हैं
एडीएम वित्त एवं राजस्व अतुल कुमार ने बताया कि 1.84 लाख मतदाताओं ने आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए हैं। चुनाव आयोग की गाइडलाइंस के तहत इन्हें नोटिस भेजे जाएंगे और जवाब मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।