स्टूडेंट्स के लिए:
- 2026 में सिर्फ 1.55 लाख स्टडी परमिट जारी होंगे, जो पिछले साल से 50% कम हैं।
- मास्टर्स और PhD स्टूडेंट्स को स्टडी परमिट कोटे से छूट मिलेगी और उन्हें प्रोविंशियल अटेस्टेशन लेटर (PAL) की जरूरत नहीं होगी।
- डॉक्टोरल स्टूडेंट्स के लिए 14 दिनों वाला फास्ट–ट्रैक वीजा प्रोसेस लागू होगा।
- पोस्ट ग्रेजुएशन वर्क परमिट (PGWP) अब केवल STEM, हेल्थकेयर या ट्रेड्स से जुड़े कोर्स करने वाले छात्रों को मिलेगा।
- PGWP के लिए अंग्रेजी भाषा की योग्यता भी जरूरी होगी: मास्टर्स स्टूडेंट्स को CLB लेवल 7, बैचलर्स स्टूडेंट्स को CLB लेवल 5।
वर्कर्स के लिए:
- कनाडा में मौजूद 33 हजार टेंपरेरी वर्कर्स को फास्ट-ट्रैक परमानेंट रेजिडेंसी (PR) दी जाएगी।
- नए टेंपरेरी फॉरेन वर्कर परमिट में 37% की कमी, कुल सिर्फ 2.30 लाख परमिट जारी होंगे।
- विदेशी वर्कर्स के जीवनसाथी के लिए ओपन वर्क परमिट में कटौती, केवल मैनेजमेंट और प्रोफेशनल भूमिकाओं वाले वर्कर्स के जीवनसाथियों को मिलेगा।
- हाई-वेज स्ट्रीम लागू होगी, जिसमें सैलरी कम करने पर हायरिंग की अनुमति नहीं होगी।
- PR पाने के लिए प्रोविंशियल नॉमिनी प्रोग्राम (PNP) पर फोकस बढ़ेगा, राज्यों के पास विदेशी वर्कर्स को चुनने का अधिकार होगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि ये बदलाव कनाडा में स्टूडेंट्स और वर्कर्स के लिए जॉब और PR की प्रक्रिया को ज्यादा चुनौतीपूर्ण, लेकिन पारदर्शी और स्किल–बेस्ड बना देंगे।