
उन्नाव (धीरेंद्र सिंह): उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, जो उन्नाव रेप केस में सजा काट रहे थे, को दिल्ली उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी है। अदालत ने उन्हें 15 लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी है, साथ ही कुछ सख्त शर्तें भी लगाईं गई हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह जमानत तब तक बरकरार रहेगी जब तक निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दाखिल अपील पर हाईकोर्ट का निर्णय नहीं आ जाता। साथ ही कुलदीप सिंह सेंगर को पीड़िता के 5 किलोमीटर के दायरे में न आने का आदेश दिया गया है और जमानत की अवधि के दौरान दिल्ली में ही रहने का निर्देश दिया गया है।
संपूर्ण निर्देशों के तहत सेंगर को हर सोमवार पुलिस में रिपोर्ट करनी होगी, उन्हें पीड़िता को किसी भी तरह की धमकी या डर नहीं देना होगा और अपना पासपोर्ट निचली अदालत में जमा करना होगा। अदालत ने साफ कहा कि किसी भी शर्त के उल्लंघन पर जमानत रद्द कर दी जाएगी।
उन्नाव रेप केस का इतिहास
यह मामला वर्ष 2017 का है, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया था। एक नाबालिग लड़की ने तत्कालीन भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार का गंभीर आरोप लगाया था। न्याय न मिलने से आहत पीड़िता ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर आत्मदाह की कोशिश भी की थी।
मामले ने और भी भयावह मोड़ तब लिया जब पीड़िता के पिता की पुलिस कस्टडी में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई, और उसके बाद सड़क हादसे में उसकी चाची और वकील की मृत्यु हो गई, जबकि पीड़िता गंभीर रूप से घायल हुई।
सजा और मुआवजा
इस मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने वर्ष 2019 में कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। साथ ही अदालत ने उन पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था, जिसे पीड़िता को मुआवजे के रूप में दिया जाना था।