
ढाका: बांग्लादेश में लगातार हो रही हिंसा और विदेशी दूतावासों पर हमलों ने देश की राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता को हिला दिया है। खासकर भारतीय मिशनों को निशाना बनाए जाने से क्षेत्रीय तनाव भी बढ़ा है। इसी बीच, बीएनपी (Bangladesh Nationalist Party) ने मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार पर कड़ी आलोचना की है।
बीएनपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आमिर खसरू महमूद चौधरी ने CNN-News 18 से बातचीत में कहा कि यूनुस प्रशासन कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल हो रहा है। चौधरी ने कहा, “चट्टोग्राम में भारतीय सहायक उच्चायोग पर पत्थरबाजी जैसी घटनाएं भीड़तंत्र का सबूत हैं। भारत विरोधी अभियान और दूतावासों पर हमले पूरी दुनिया को एक खतरनाक संदेश दे रहे हैं।”
बीते हफ्ते युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद ढाका और अन्य शहरों में बड़े पैमाने पर हिंसा, आगजनी और विरोध प्रदर्शन हुए। इस दौरान बीएनपी कार्यालय, मीडिया संस्थान और भारतीय मिशनों को भी नुकसान पहुंचा। चौधरी ने इन घटनाओं को चुनाव प्रक्रिया में बाधा डालने के ‘औजार’ के रूप में इस्तेमाल किए जाने की आशंका जताई।
बांग्लादेश में आगामी 12 फरवरी 2026 को चुनाव होने हैं। चौधरी ने जोर देकर कहा कि बीएनपी चुनाव को टालने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा, “बांग्लादेश के लोग वोट डालने के लिए उत्साहित और तैयार हैं। पिछले चुनावों में मताधिकार का सही इस्तेमाल नहीं हो सका, इसलिए मौजूदा सरकार को सक्रियता दिखाते हुए स्थिरता बनाए रखनी चाहिए और चुनाव के लिए अनुकूल माहौल सुनिश्चित करना चाहिए।”
बीएनपी का यह कड़ा बयान उस समय आया है जब देश में भीड़ हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता बढ़ रही है, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी बांग्लादेश की स्थिति पर निगाह रखे हुए है।