
चेन्नई/रानीपेट: तमिलनाडु से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। 18 वर्षीय जे दिवा, जो डॉग लवर और आवारा कुत्तों का देखभाल करने वाला युवक था, दो साल पहले कुत्ते के काटने के बाद अब रेबीज के कारण दम तोड़ गया।
जे दिवा मोसुर गांव के बालाजी नगर का रहने वाला था। दो दिन पहले अचानक बुखार और कमजोरी की शिकायत होने पर उसे अरक्कोनम सरकारी अस्पताल ले जाया गया। जांच में उसके शरीर में रेबीज वायरस की पुष्टि हुई। विशेषज्ञों ने तुरंत उसे राजीव गांधी सरकारी जनरल अस्पताल, चेन्नई में भर्ती कराया, लेकिन तेज़ी से बिगड़ती स्थिति के कारण उसे बचाया नहीं जा सका।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि जे दिवा को आवारा कुत्तों के साथ खेलना बहुत पसंद था। उन्होंने कई बार इन कुत्तों को सड़क पर खाना खिलाया और उनके साथ समय बिताया। अधिकारियों का कहना है कि युवक ने कुत्ते के काटने की घटना को गंभीरता से नहीं लिया और उचित टीकाकरण नहीं कराया।
विशेषज्ञों का कहना है कि रेबीज वायरस का ऊष्मायन काल 10 दिन से लेकर कई वर्षों तक हो सकता है। डॉ. के. कोलांडास्वामी के अनुसार, इस मामले में दो संभावनाएँ हैं: या तो लड़के को किसी और मौके पर दोबारा काटा गया, या पहले काटने से वायरस घायल जगह में छिपा रहा और बाद में सक्रिय हो गया।
स्वास्थ्य विभाग ने इस घटना के बाद आम जनता को चेतावनी दी है कि किसी भी जानवर के काटने के मामले में तुरंत टीकाकरण और उचित उपचार बेहद जरूरी है।