
खंडवा (मध्य प्रदेश): गरीबी और सीमित संसाधनों के बावजूद मेहनत और दृढ़ संकल्प से किसी भी सपना को सच किया जा सकता है, इसका जीवंत उदाहरण हैं ऋतिक सोलंकी। खंडवा के इस युवा ने एमपीपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल कर अपने पिता के सपने को साकार किया।
ऋतिक के पिता, रूपसिंह सोलंकी, कई सालों तक मध्य प्रदेश के आईएएस अफसरों के ड्राइवर रहे। वर्तमान में वे अपर कलेक्टर सृष्टि देशमुख के साथ कार्यरत हैं। अफसरों की गाड़ी चलाते-चलाते रूपसिंह ने एक सपना देखा – उनके बेटे भी बड़े होकर अधिकारी बने और समाज में सम्मान और रुतबा हासिल करें।
हौसले और त्याग ने दिया प्रेरणा
लॉअर मिडिल क्लास फैमिली के लिए बच्चों की पढ़ाई और भविष्य निर्माण एक बड़ी चुनौती होती है। इसके बावजूद रूपसिंह ने बच्चों को पढ़ाने और आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किया। ऋतिक की पढ़ाई के लिए पिता ने अपनी जीपीएस मशीन तक बेच दी। यही त्याग और हौसला ऋतिक और उनके बड़े भाई राहुल के लिए प्रेरणा बन गया।
जुनून बना पिता का सपना
ऋतिक ने पंधाना स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय से अपनी 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की और 2020 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। इसी दौरान उन्होंने यूपीएससी की कोचिंग शुरू की। सीमित संसाधनों में कठिन मेहनत और लगन ने उन्हें सफलता की ओर अग्रसर किया। बड़े भाई राहुल वन सेवा में अफसर बन चुके हैं और अब ऋतिक डिप्टी कलेक्टर के रूप में राज्य सेवा में शामिल हो गए हैं।
दूसरी बार MPPSC क्रैक की परीक्षा
ऋतिक ने एमपीपीएससी 2022 में ट्रेजरी ऑफिसर बनकर पहला मुकाम हासिल किया। लेकिन उनका लक्ष्य इससे बड़ा था। लगातार मेहनत और तैयारी के बाद उन्होंने एमपीपीएससी 2023 की परीक्षा भी सफलतापूर्वक क्रैक की।
MPPSC परीक्षा परिणाम
08 नवंबर 2025 को जारी परिणाम के अनुसार, ऋतिक सोलंकी ने मुख्य परीक्षा में 1400 में से 637.25 अंक, जबकि 175 अंकों के इंटरव्यू में 95 अंक प्राप्त किए। एसटी कैटेगरी में कुल 1575 में से 732.25 अंक हासिल कर उन्होंने सफलता की मिसाल कायम की।
गरीब परिवार से आने वाले ऋतिक की कहानी यह साबित करती है कि कठिन परिस्थितियां किसी के सपनों को रोक नहीं सकतीं। पिता का सपना, बेटे की मेहनत और लगन से हकीकत में बदल सकता है।