
मुंबई/नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी विधायक माणिकराव कोकाटे की विधानसभा सदस्यता को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने नासिक कोर्ट द्वारा सुनाई गई दो साल की सजा पर रोक लगाते हुए कोकाटे को राहत दी है। इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने सजा पर रोक देने से इनकार कर दिया था।
मंत्री पद और विधायकी पर खतरा:
1995 के हाउसिंग स्कैम मामले में नासिक कोर्ट ने कोकाटे को दो साल की सजा सुनाई थी। इसके चलते उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और उनकी विधायकी भी खतरे में पड़ गई थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब माणिकराव कोकाटे MLA बने रहेंगे।
कोकाटे का राजनीतिक सफर:
मराठा समुदाय से आने वाले कोकाटे अजित पवार की पार्टी के दिग्गज नेताओं में शामिल हैं। वे नासिक से पांच बार विधायक रह चुके हैं। फडणवीस सरकार में वे पहले कृषि मंत्री थे और बाद में विवाद के चलते खेल विभाग संभाल रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई:
सीजेआई सूर्यकांत की बेंच ने कोकाटे के मामले की सुनवाई की। उनके पक्ष में सीनियर वकील मुकुल रोहतगी पेश हुए और बताया कि केस पुराना होने के बावजूद हाईकोर्ट का फैसला विधायक के राजनीतिक भविष्य और क्षेत्र के प्रतिनिधित्व पर असर डाल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया और सजा को दो साल के लिए सस्पेंड कर दिया।
कानूनी प्रावधान:
पीपुल्स रिप्रेजेंटेटिव एक्ट के अनुसार, दो साल या उससे अधिक सजा पाने वाले जनप्रतिनिधि को अयोग्य घोषित किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कोकाटे की विधायकी सुरक्षित हो गई है और उनके राजनीतिक भविष्य पर संकट टल गया है।