
ओमान, जो खाड़ी क्षेत्र में भारत का एक भरोसेमंद मित्र देश है, हिंदू धर्म का एक सुरक्षित ठिकाना भी बन चुका है। यहां लगभग 5.5% आबादी हिंदू धर्म का पालन करती है। मस्कट सदियों से व्यापारियों का केंद्र रहा है और यही वजह है कि यहां हिंदू धर्म फल-फूल रहा है।
मोतीश्वर मंदिर – मध्य पूर्व का प्राचीन शिव मंदिर
ओमान में दो आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त हिंदू मंदिर हैं। मस्कट में स्थित मोतीश्वर मंदिर, जो शिव को समर्पित है, मध्य पूर्व क्षेत्र के सबसे पुराने हिंदू मंदिरों में से एक है। दूसरा मंदिर, कृष्ण मंदिर, मस्कट में ही स्थित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 फरवरी 2018 को अपनी राजकीय यात्रा के दौरान मोतीश्वर मंदिर का दौरा किया था और मंदिर में अभिषेक किया।
महाशिवरात्रि पर भारी भीड़
मोतीश्वर मंदिर, मस्कट के पुराने मुत्तराह क्षेत्र में अल आलम महल के पास स्थित है। यहां वसंत पंचमी, रामनवमी, हनुमान जयंती, श्रावण और गणेश चतुर्थी जैसे प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं। महाशिवरात्रि पर 20,000 से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
मंदिर का इतिहास
माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 1909 में ओमान के थट्टा के भाटिया (सिंध, पाकिस्तान) समुदाय ने कराया था। बाद में 1999 में इसका जीर्णोद्धार हुआ। मंदिर परिसर में तीन मंदिर हैं – श्री आदि मोतीश्वर महादेव मंदिर, श्री मोतीश्वर महादेव मंदिर और श्री हनुमानजी मंदिर।
हिंदू समुदाय और भारतीय व्यापार
मोतीश्वर मंदिर के निर्माण में भारतीय व्यापारियों की भागीदारी रही। रामदास ठक्करसे और उनके पूर्वजों ने मस्कट में व्यापारिक आधार स्थापित किया। खिमजी रामदास ने इस व्यापार को वैश्विक स्तर पर फैलाया और आज उनका समूह 1 अरब डॉलर से अधिक वार्षिक कारोबार करता है। कनकभाई खिमजी ने मस्कट में पहला अंग्रेजी भारतीय विद्यालय स्थापित किया और हिंदू समुदाय के किसी सदस्य को पहली बार सुल्तान की उपाधि मिली।
भारत-ओमान व्यापारिक संबंध
वित्त वर्ष 2024-25 में भारत और ओमान के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 10.6 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। भारत ओमान से कच्चे तेल, पेट्रोलियम गैस, उर्वरक और रासायनिक उत्पादों का आयात करता है, जबकि ओमान को भारत का निर्यात कृषि उत्पाद, प्रसंस्कृत खनिज और विनिर्माण वस्तुएं शामिल हैं।
निष्कर्ष
ओमान में मोतीश्वर और कृष्ण मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि भारतीय व्यापार और संस्कृति का भी जीवंत प्रतीक हैं। यहां हिंदू धर्म के त्योहार और रीति-रिवाज आज भी जीवंत हैं और यह क्षेत्र भारत और ओमान के बीच गहरे सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों का प्रमाण प्रस्तुत करता है।