
बेंगलुरु। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है। दक्षिण बेंगलुरु के त्यागराजनगर इलाके में सड़क पर बैडमिंटन खेल रहे एक मासूम बच्चे पर एक युवक ने पीछे से दौड़कर फुटबॉल की तरह जोरदार किक मार दी। इस हमले में पांच वर्षीय बच्चा मुंह के बल सड़क पर गिर पड़ा और गंभीर रूप से घायल हो गया। पूरी वारदात पास लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जिसके सामने आते ही सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा।
पीछे से आया, लात मारी और चलता बना
घटना ओल्ड पोस्ट ऑफिस रोड की है। सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि टोपी पहने एक युवक घर से बाहर निकलता है, सड़क पर बच्चों को खेलते देखता है और अचानक दौड़ते हुए मासूम बच्चे की पीठ पर जोरदार लात मार देता है। लात लगते ही बच्चा हवा में उछलकर सड़क पर गिर जाता है, जबकि आरोपी बिना रुके आराम से वहां से चला जाता है।
चेहरे से बहने लगा खून, मां बदहवास
बच्चे की मां के मुताबिक, यह घटना दोपहर करीब 1:15 बजे हुई। उनका बेटा घर के पास अन्य बच्चों के साथ खेल रहा था। अचानक वह जमीन पर गिर पड़ा और उसकी भौंह के ऊपर से खून बहने लगा। हाथ-पैरों में भी खरोंचें आईं। मां ने पहले एक स्कूटी सवार को हादसे का जिम्मेदार समझा, लेकिन आसपास मौजूद लोगों ने बताया कि सफेद शर्ट पहने युवक ने बच्चे को जानबूझकर लात मारी है।
CCTV सामने आते ही पुलिस ने दबोचा आरोपी
सीसीटीवी फुटेज वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। उसकी पहचान रंजीत उर्फ रंजन के रूप में हुई है, जो उसी इलाके का रहने वाला है और पहले जिम ट्रेनर का काम करता था। पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 115(2) के तहत स्वेच्छा से चोट पहुंचाने का मामला दर्ज किया है।
मानसिक रूप से अस्थिर होने का दावा
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपी अविवाहित है और उसके परिवार का दावा है कि वह मानसिक रूप से अस्थिर है तथा उसका इलाज चल रहा है। पुलिस आरोपी के मेडिकल रिकॉर्ड जुटा रही है। हालांकि, कानून के तहत मामले की गंभीरता को देखते हुए आगे की कार्रवाई की जा रही है।
सोशल मीडिया पर उबाल, सख्त सजा की मांग
इस घटना के सामने आते ही सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। लोग आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं। मासूम बच्चे पर इस तरह के हमले को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर सार्वजनिक स्थानों पर बच्चों की सुरक्षा कितनी सुरक्षित है।
यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि समाज को भी आईना दिखाती है कि मासूमों के प्रति बढ़ती संवेदनहीनता किस हद तक खतरनाक हो सकती है।