
राजस्थान के उदयपुर शहर में मेवाड़ परिवार का उदयपुर सिटी पैलेस 1559 में राजा उदय सिंह द्वारा बनवाया गया था। 400 साल से भी अधिक समय बीतने के बाद भी यह राजमहल अपनी शाही सुंदरता और अद्भुत कारीगरी के कारण किसी को भी मोहित कर देता है।
ऊंची दीवारें, गुंबद और शानदार मेहराब
इस महल की बनावट में ऊंची दीवारें, शानदार गुंबद और मार्बल के ट्रिपल गेट शामिल हैं। पत्थरों पर उकेरी गई बारीक नक्काशी और रंगों का प्रयोग इसे और भी आकर्षक बनाता है। महल में 1969 से एक म्यूजियम भी है, जिसमें मेवाड़ के राजघरानों के हथियार, कवच और कीमती वस्तुएं सुरक्षित रखी गई हैं।
कांच की जड़ाई और नायाब डिजाइन
सिटी पैलेस में कांच की जड़ाई से बने कमरे और डिजाइन अनोखे हैं। धूप पड़ने पर भी दीवारें गर्म नहीं होतीं और सर्दियों में ठंडक से बचाती हैं। कमरे में लाल, पीला और सफेद रंगों का उपयोग किया गया है और फर्श पर जिग-जैग पैटर्न इसे शाही लुक देता है।
मोर चौक और शाही कारीगरी
मोर चौक में मोरों की नक्काशी और जटिल कांच का काम देखने योग्य है। यह चौक विशेष अवसरों और हाई-प्रोफाइल मेहमानों के स्वागत के लिए रिजर्व रखा जाता है।
मुगल स्टाइल गार्डन और बावड़ी महल
महल के ऊपरी स्तर पर फुल ऑफ लाइफ गार्डन और मुगल स्टाइल में डिजाइन किया गया बावड़ी महल है। संगमरमर की फिनिश और पिलर वाले गलियारों के साथ यह क्षेत्र आरामदायक माहौल प्रदान करता है।
उदयपुर सिटी पैलेस न केवल इतिहास में महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी नक्काशी, कारीगरी और वास्तुकला आज भी आधुनिक डिजाइनरों और पर्यटकों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।