Saturday, December 20

ओमान ने भारत के हलाल मीट सर्टिफिकेशन को दी मान्यता, निर्यातकों को मिलेगा बड़ा लाभ

नई दिल्ली: ओमान ने भारत के हलाल मीट सर्टिफिकेशन को आधिकारिक तौर पर स्वीकार कर लिया है। यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और देश के मांस निर्यातकों के लिए नए अवसर खोलेगी। हलाल सर्टिफिकेशन का मतलब है कि मांस इस्लामिक नियमों के अनुसार तैयार किया गया है और खाने के लिए पूरी तरह सुरक्षित और शुद्ध है।

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वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि भारत अब 55 इस्लामिक देशों में इसी तरह की मान्यता दिलाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा, “पिछले तीन-चार सालों से हम खाड़ी देशों से यह प्रयास कर रहे हैं कि वे अनौपचारिक तरीकों के बजाय हमारे औपचारिक हलाल सर्टिफाइड उत्पादों को स्वीकार करें।”

ओमान की मान्यता से भारतीय निर्यातकों को बार-बार टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे खर्च कम होगा और अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंच आसान होगी। गोयल ने कहा कि केवल आधिकारिक रूप से स्वीकृत हलाल सर्टिफिकेशन ही मान्य होगा, जिससे धार्मिक भावनाओं का सम्मान सुनिश्चित किया जा सके।

पहले कई निजी संस्थाएं हलाल सर्टिफिकेट जारी करती थीं, जिन्हें सरकार की मंजूरी नहीं थी। मार्च 2023 में DGFT ने नोटिफिकेशन जारी कर केवल क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया की ‘i-CAS हलाल’ के तहत जारी सर्टिफिकेट को मान्यता दी। अक्टूबर 2024 में कम से कम 15 देशों की सूची बनाई गई, जिनमें ओमान, यूएई, बांग्लादेश, तुर्की, फिलीपींस और सिंगापुर शामिल हैं।

सरकार की इस पहल से भारत वैश्विक हलाल मांस बाजार में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित होगा। यह कदम न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद है, बल्कि देश की धार्मिक और सांस्कृतिक संवेदनशीलता को भी बढ़ावा देगा।

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