Friday, December 19

कहर बनकर टूटी भारतीय सेना, 48 घंटे में ढह गया 450 साल पुराना पुर्तगाली शासन गोवा में लहराया तिरंगा, आज़ादी के अधूरे अध्याय का हुआ समापन

गोवा मुक्ति दिवस हर वर्ष 19 दिसंबर को उस ऐतिहासिक विजय की याद में मनाया जाता है, जब भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन विजय’ को सफलतापूर्वक अंजाम देकर 450 वर्षों से चले आ रहे पुर्तगाली औपनिवेशिक शासन का अंत कर दिया था। यह दिन भारत की संप्रभुता, एकता और राष्ट्रीय संकल्प का प्रतीक बन चुका है।

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1947 में भारत को स्वतंत्रता मिलने के बावजूद गोवा, दमन और दीव एक दशक से अधिक समय तक पुर्तगाल के नियंत्रण में रहे। भारत सरकार ने इन क्षेत्रों को शांतिपूर्ण ढंग से भारतीय संघ में शामिल करने के लिए कूटनीतिक प्रयास किए, लेकिन जब सभी कोशिशें विफल रहीं, तब सैन्य कार्रवाई अपरिहार्य हो गई।

‘ऑपरेशन विजय’: 48 घंटे में इतिहास बदल गया

18 दिसंबर 1961 को शुरू हुआ ऑपरेशन विजय 48 घंटे से भी कम समय में पूरा हुआ। इसमें थल सेना, नौसेना और वायु सेना ने संयुक्त रूप से कार्रवाई की। भारतीय सेनाओं की तेज और निर्णायक रणनीति के सामने पुर्तगाली सेना टिक नहीं सकी और 19 दिसंबर 1961 को आत्मसमर्पण कर दिया। इसी के साथ गोवा में तिरंगा लहराया और औपनिवेशिक शासन का अंत हो गया।

शुरुआत में गोवा को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया और बाद में 1987 में पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया। आज गोवा न केवल पर्यटन, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में भी देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है।

प्रधानमंत्री और राष्ट्र के शीर्ष नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा मुक्ति दिवस पर स्वतंत्रता सेनानियों और वीर सैनिकों को याद करते हुए कहा,
“गोवा मुक्ति दिवस हमारी राष्ट्रीय यात्रा के एक निर्णायक अध्याय की याद दिलाता है। जिन लोगों ने अन्याय के आगे झुकने से इनकार किया, उनका साहस और बलिदान हमें निरंतर प्रेरित करता है।”

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि राष्ट्र उन वीरों को कृतज्ञता के साथ याद कर रहा है, जिन्होंने गोवा को औपनिवेशिक शासन से मुक्त कराया।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज की पीढ़ी शायद यह नहीं जानती कि 1961 तक भारतीयों को गोवा जाने के लिए अनुमति लेनी पड़ती थी। उन्होंने गोवा मुक्ति आंदोलन के नायकों को नमन किया।

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने भी इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानियों के साहस और बलिदान को नमन करते हुए गोवावासियों को शुभकामनाएं दीं।

संकल्प और स्वाभिमान का प्रतीक

गोवा मुक्ति दिवस केवल एक ऐतिहासिक तारीख नहीं, बल्कि भारत के उपनिवेशवाद के खिलाफ संघर्ष, राष्ट्रीय स्वाभिमान और एकता की अटूट भावना का प्रतीक है। यह दिन आने वाली पीढ़ियों को याद दिलाता है कि भारत ने अपने हर भूभाग को साहस, संकल्प और बलिदान से आज़ाद कराया।

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