
क्रिसमस और न्यू ईयर के आसपास पार्टीज में शराब का सेवन बढ़ जाता है। लोग इसे मज़ा लेने और एनर्जी बढ़ाने का तरीका मानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि शराब से हैंग्जायटी (Hangxiety) भी हो सकती है? यह केवल साधारण हैंगओवर नहीं है, बल्कि इससे चिंता, घबराहट और मूड बदलाव जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।
क्या है Hangxiety?
हैदराबाद स्थित यशोदा हॉस्पिटल्स के कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर भारथ कुमार सुरिसेट्टी के अनुसार, शराब पीने के बाद मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर, खासकर GABA और सेरोटोनिन का स्तर असंतुलित हो जाता है। पीते समय GABA एक्टिविटी बढ़ने से आराम महसूस होता है, लेकिन एल्कोहल का असर खत्म होते ही यह तेजी से गिरता है। इसका परिणाम है घबराहट, बेचैनी और मानसिक अस्थिरता।
शराब का असर और हैंगओवर:
- डिहाइड्रेशन: शराब पेशाब बढ़ाती है, जिससे इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन और थकान, मूड खराब होना, नींद में परेशानी होती है।
- मूड और इमोशंस: तेज दिल की धड़कन, पसीना आना, इमोशनल उतार-चढ़ाव, पछतावा और गिल्ट महसूस हो सकता है।
- स्लीप क्वालिटी: नींद पूरी नहीं होने से ब्रेन फॉग और फोकस करने में कठिनाई होती है।
कैसे बचें हैंग्जायटी से:
- शराब से दूरी बनाएं या सेवन सीमित करें।
- पानी और इलेक्ट्रोलाइट वाली ड्रिंक पीएं।
- पर्याप्त हाइड्रेटेड रहें।
- ब्लड शुगर कंट्रोल रखने वाला भोजन लें।
- हल्का व्यायाम, योग, डीप ब्रीदिंग और मेडिटेशन करें।
डॉक्टर का कहना है कि हैंग्जायटी का अनुभव हर व्यक्ति में अलग होता है। जेनेटिक और मेंटल फैक्टर भी इस पर असर डाल सकते हैं।
नोट: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी इलाज या दवा का विकल्प नहीं है। स्वास्थ्य संबंधी सलाह के लिए हमेशा योग्य डॉक्टर से संपर्क करें।