
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2027 की तैयारियों के बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने पुराने और प्रभावशाली नेता जय प्रकाश सिंह को पार्टी में वापसी दिलाई है। दिल्ली में मायावती से मुलाकात के बाद उन्हें उड़ीसा और पश्चिम बंगाल का प्रभारी बनाया गया है।
🔹 जय प्रकाश सिंह की वापसी
- जय प्रकाश सिंह 8 साल पहले विवादित टिप्पणी के चलते बसपा से निष्कासित हो गए थे।
- उन्होंने राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी, जिसके कारण मायावती ने उन्हें पार्टी से बाहर किया।
- अब संगठन मजबूत करने और विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए उन्हें फिर से जिम्मेदारी दी गई है।
🔹 नई जिम्मेदारी और मिशन
- जय प्रकाश सिंह ने कहा कि वह मायावती के आदेशों का पूर्ण पालन करेंगे और सौंपे गए दायित्व को पूरी निष्ठा से निभाएंगे।
- उन्होंने बताया कि वे जल्द ही पश्चिम बंगाल रवाना होंगे और वहां पार्टी संगठन को मजबूत करने के साथ बसपा की विचारधारा को जन-जन तक पहुँचाने का काम करेंगे।
- पहले भी जय प्रकाश सिंह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और नेशनल कोऑर्डिनेटर रह चुके हैं। उनकी वापसी से बसपा संगठन को मजबूती मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
🔹 बसपा में रणनीति और चुनाव तैयारी
- बसपा सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ में आयोजित रैली के जरिए अपनी राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन किया था।
- पार्टी अब अपने पुराने नेताओं को फिर से जोड़कर मिशन 2027 की तैयारियों को मजबूत कर रही है।
- जय प्रकाश सिंह की वापसी को संगठन और चुनाव अभियान में अहम माना जा रहा है।
निष्कर्ष:
जय प्रकाश सिंह की वापसी और उड़ीसा-पश्चिम बंगाल की कमान मिलने से बसपा संगठन में नई ऊर्जा का संचार होगा। पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए रणनीतिक बदलाव और सक्रिय नेतृत्व की ओर बढ़ रही है।