
नई दिल्ली। जेम्स कैमरून की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘अवतार: फायर एंड ऐश’ सिनेमाघरों में 19 दिसंबर को रिलीज हो रही है, लेकिन प्रीमियर शो के फर्स्ट रिव्यू सामने आ गए हैं। फिल्म के विजुअल्स को अत्यंत शानदार बताया जा रहा है, वहीं कहानी को कुछ हद तक दोहराव और लंबी बताया गया है।
राजामौली का रिव्यू
‘वाराणसी’ और ‘बाहुबली’ फेम एसएस राजामौली ने फिल्म देखने के बाद जेम्स कैमरून की तारीफ की। उन्होंने बताया कि फिल्म देखना एक अद्भुत अनुभव रहा। राजामौली ने कहा,
“फायर एंड ऐश, देखना एक बहुत अच्छा अनुभव था। कॉम्प्लेक्स सीक्वेंस, विजुअल्स और किरदारों को गढ़ने के लिए जेम्स कैमरून को सलाम है। थिएटर में विंड ट्रेडर्स, ऐश पीपल, नए किरदारों को देखते हुए मैं एक बच्चे की तरह था। वरंग बिल्कुल शानदार था।”
राजामौली ने जेक सुली और माइल्स क्वारिच के बीच की नैतिक दुविधाओं और नेत्री व वरंग के टकराव की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि जेक और माइल्स के बीच की बातचीत बेहद खूबसूरती से लिखी गई है।
कहानी और विलेन वरंग
‘ईटाइम्स’ के रिव्यू के अनुसार, यह फिल्म पिछली ‘अवतार: द वे ऑफ़ वॉटर’ से आगे बढ़ती है। जेक सुली, नेत्री और उनके बच्चों की कहानी बताई गई है, जो इंसानी उपनिवेशवादियों और नए खतरनाक दुश्मन वरंग से लड़ते हैं। वरंग, जो मंगकवान कबीले की लीडर है, शुरुआत में खतरनाक दिखाई देती है, लेकिन कहानी के दौरान कमजोर और सजावटी किरदार बन जाती है।
विजुअल्स और कहानी की लंबाई
फिल्म की सबसे बड़ी ताकत इसके विजुअल्स हैं। जेम्स कैमरून ने हर फ्रेम को बारीकी से तैयार किया है। लेकिन कहानी में भावनात्मक गहराई और गति की कमी है। 3 घंटे 17 मिनट की लंबाई के कारण कुछ हिस्से उबाऊ लगते हैं। फिल्म सीधे पिछली फिल्म से आगे बढ़ती है, जिससे पहले फिल्म न देखने वाले दर्शकों के लिए किरदारों और कहानी को समझना मुश्किल हो सकता है।
निष्कर्ष
‘अवतार: फायर एंड ऐश’ एक विजुअल मास्टरपीस है, जिसमें जेम्स कैमरून की कला की झलक स्पष्ट है। हालांकि, कहानी में दोहराव और लंबाई इसे थोड़ी कमजोर बनाती है। फिल्म देखने के दौरान दर्शकों को जेक सुली और नेत्री के किरदारों में डूबने का मौका मिलेगा, लेकिन कहानी की गति के कारण इसे बीच-बीच में धीमा महसूस किया जा सकता है।