
मुंबई: महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के किसान रोशन सदाशिव कुडे की कर्ज़ दर्दनाक कहानी सामने आई है। डेयरी व्यवसाय शुरू करने के लिए एक लाख रुपये का लोन लेने वाले किसान को प्रतिदिन 10 हजार रुपये ब्याज चुकाना पड़ रहा था। खेती में लगातार घाटे और साहूकारों के दबाव के कारण उनका कर्ज बढ़कर 74 लाख रुपये तक पहुंच गया।
खेती और डेयरी में नुकसान, साहूकारों का दवाब:
किसान ने डेयरी व्यवसाय के लिए खरीदी गई गायों और फसलों के नुकसान के बाद जमीन, ट्रैक्टर और कीमती सामान बेच दिए। इसके बावजूद कर्ज चुकाना संभव नहीं हुआ। साहूकारों ने लगातार दबाव बनाया और कर्ज के बकाया राशि को चुकाने के लिए किसान को अपनी किडनी बेचने की सलाह दी।
किडनी बेचने के लिए भेजा गया कंबोडिया:
एजेंट के माध्यम से रोशन कुडे को कोलकाता लाया गया और फिर कंबोडिया भेजकर उनकी किडनी 8 लाख रुपये में बेची गई।
किसान ने दी चेतावनी:
किसान ने आरोप लगाया कि पुलिस ने शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे और उनका परिवार मुंबई में राज्य सरकार के मुख्यालय के सामने आत्मदाह कर सकते हैं।
साहूकारों पर आरोप:
कर्ज़ में फंसे किसान ने जिन साहूकारों पर आरोप लगाए हैं, उनमें किशोर बावनकुले, मनीष कल बंदे, लक्ष्मण उरकुडे, प्रदीप बावनकुले, संजय बल्लारपुरे और लक्ष्मण बोरकर शामिल हैं। सभी ब्रह्मपुरी शहर के निवासी हैं और किसान का आरोप है कि उन्होंने ही इस संकट का कारण बनाया।