
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट ‘7 निश्चय पार्ट-3’ का ऐलान कर दिया है। इस योजना का मुख्य लक्ष्य बिहार को देश के विकसित राज्यों की कतार में खड़ा करना है। इसमें सबसे बड़ा लक्ष्य है 5 साल में राज्य की प्रति व्यक्ति आय दोगुनी करना।
94 लाख गरीब परिवारों की आर्थिक उन्नति:
2023 की जातीय गणना के अनुसार बिहार में लगभग 94 लाख गरीब परिवार हैं। मुख्यमंत्री का मानना है कि अगर इन परिवारों को रोजगार के नए अवसर दिए जाएँ, तो समावेशी आर्थिक विकास संभव होगा। इसका मतलब है कि समाज के हर तबके और निचले पायदान पर खड़े लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा। यह रोजगार योजना मौजूदा कार्यक्रमों के अतिरिक्त होगी। इससे महिला उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को भी फायदा मिलेगा।
बिहार में प्रति व्यक्ति आय कितनी है?
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने जुलाई 2025 में लोकसभा में रिपोर्ट पेश की थी। रिपोर्ट के अनुसार बिहार में प्रति व्यक्ति आय 32,227 रुपये प्रति वर्ष है। देश में यह आंकड़ा सबसे निचले स्तर पर है। तुलना के लिए देखें तो गोवा में यह 3,57,000 रुपये, कर्नाटक में 1,91,000 रुपये, तमिलनाडु में 1,79,000 रुपये और तेलंगाना में 1,77,000 रुपये है। झारखंड ने भी बिहार को पीछे छोड़ते हुए प्रति व्यक्ति आय 65,062 रुपये दर्ज की है।
कैसे बढ़ेगी प्रति व्यक्ति आय?
आय बढ़ाने का सबसे बड़ा जरिया है उद्योग और सेवा क्षेत्र। लेकिन बिहार इन क्षेत्रों में अभी पिछड़ा हुआ है। आईटी और डिजिटल सेवा क्षेत्र से आर्थिक उन्नति में बड़ी मदद मिली है, लेकिन बिहार में निवेशक उद्योग लगाने में उतनी रुचि नहीं दिखा रहे। इसके लिए कठोर कदम उठाना आवश्यक है:
- कृषि को व्यापार का रूप देना
- छोटे और मध्यम उद्योगों का संरक्षण
- उद्योग और सेवा क्षेत्र का विस्तार
- पलायन रोकना ताकि लोग बिहार में काम करें
- प्रशासनिक भ्रष्टाचार और लालफीताशाही खत्म करना
- लॉ एंड ऑर्डर मजबूत करना, जिससे निवेशकों में भरोसा बढ़े
विशेषज्ञों की राय:
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ये कदम सही समय पर उठाए गए, तो बिहार की प्रति व्यक्ति आय दोगुनी करना असंभव नहीं। इसके लिए सरकारी नीतियों और निवेशकों की भागीदारी का अहम योगदान रहेगा।
निष्कर्ष:
‘7 निश्चय पार्ट-3’ बिहार के लिए महत्वाकांक्षी और चुनौतीपूर्ण योजना है। पांच साल में प्रति व्यक्ति आय दोगुनी करना आसान नहीं, लेकिन अगर सभी स्तरों पर समन्वित प्रयास और कठोर प्रशासनिक कदम उठाए गए, तो यह सपना सच हो सकता है।