Wednesday, December 17

स्कूटी में छिपा GPS ट्रैकर बना रिश्ते की सच्चाई का गवाह, होटल पहुंचकर पति रह गया स्तब्ध — लोकेशन ट्रैकिंग तकनीक पर उठे गंभीर सवाल

पंजाब के अमृतसर से सामने आई एक चौंकाने वाली घटना ने न सिर्फ एक परिवार की निजी कहानी को उजागर किया है, बल्कि आधुनिक तकनीक और निजता (प्राइवेसी) के बीच बढ़ते टकराव पर भी बहस छेड़ दी है। यहां एक पति ने अपनी पत्नी की स्कूटी में चुपचाप GPS ट्रैकर लगाकर उसकी लोकेशन पर नजर रखी। जब ट्रैकर ने स्कूटी की लोकेशन एक होटल में दिखाई, तो पति खुद वहां पहुंच गया और जो देखा, उसने उसे भीतर तक झकझोर दिया।

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जानकारी के अनुसार, पति-पत्नी पिछले करीब 15 वर्षों से विवाहित हैं और उनके बच्चे भी हैं। पति रवि गुलाटी को पिछले एक साल से पत्नी के व्यवहार में बदलाव महसूस हो रहा था। पत्नी का घर से ज्यादा समय बाहर बिताना और कॉल्स का जवाब न देना, उनके शक को गहरा कर रहा था। इसी शक के चलते रवि ने पत्नी की एक्टिवा स्कूटी में GPS ट्रैकर लगवा दिया।

GPS की लोकेशन ने खोला राज
घटना वाले दिन दोपहर करीब 3 से 3:30 बजे पत्नी घर से निकली। कई बार फोन करने के बावजूद जब कॉल रिसीव नहीं हुई, तो रवि ने GPS ट्रैकर चेक किया। लोकेशन एक होटल की ओर इशारा कर रही थी। बिना देर किए रवि होटल पहुंचा, जहां उसने पत्नी को एक अन्य व्यक्ति के साथ देख लिया। चौंकाने वाली बात यह रही कि वह व्यक्ति पहले परिवार में पत्नी का भाई बताकर आता-जाता रहा था।

पहले भी सामने आ चुका था ऐसा मामला
रवि के अनुसार, यह पहली बार नहीं था। साल 2018 में भी वह पत्नी को एक होटल में किसी अन्य व्यक्ति के साथ देख चुके थे। उस समय दोनों परिवारों की मौजूदगी में समझौता हुआ, पत्नी ने माफी मांगी और भविष्य में ऐसा न करने का वादा किया। बच्चों के भविष्य को देखते हुए रवि ने रिश्ता बचाने का फैसला किया था। लेकिन ताजा घटना ने उनके भरोसे को पूरी तरह तोड़ दिया।

क्या है GPS तकनीक?
GPS यानी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम एक सैटेलाइट आधारित तकनीक है, जो दुनिया में कहीं भी किसी व्यक्ति, वाहन या वस्तु की सटीक लोकेशन बताने में सक्षम है। आज GPS का उपयोग स्मार्टफोन, वाहनों, नेविगेशन, आपात सेवाओं और सुरक्षा के लिए व्यापक रूप से किया जा रहा है। वाहन चोरी रोकने के लिए GPS ट्रैकर आम बात हो चुकी है।

निजता पर उठे सवाल
इस घटना के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर तीखी बहस छिड़ गई है। लोग पूछ रहे हैं कि क्या किसी व्यक्ति की जानकारी के बिना उसकी लोकेशन ट्रैक करना सही है? जहां एक ओर GPS जैसी तकनीक सुरक्षा और सुविधा का प्रतीक है, वहीं दूसरी ओर इसका दुरुपयोग निजी जीवन में दखल बनता जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि तकनीक का इस्तेमाल जिम्मेदारी और कानूनी दायरे में रहकर होना चाहिए, वरना यह भरोसे और रिश्तों को नुकसान पहुंचा सकती है।

यह मामला साफ तौर पर दिखाता है कि तकनीक सिर्फ सुविधा नहीं, बल्कि सामाजिक और नैतिक चुनौतियां भी लेकर आ रही है — जिन पर गंभीर चर्चा और स्पष्ट नियमों की जरूरत है।

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