
आजकल लोग फिटनेस के लिए जिम का रुख कर रहे हैं। रेगुलर वर्कआउट, हेल्दी डाइट और पसीने की सख्त मेहनत – लेकिन क्या आप सच में जानते हैं कि आपका वर्कआउट सही तरीके से हो रहा है या नहीं?
सेलिब्रिटी फिटनेस कोच मारुति पोलेकर बताते हैं कि पिछले कुछ सालों में जिम में हार्टअटैक और गंभीर चोटों की घटनाएं बढ़ गई हैं। कई बार यह वर्कआउट के गलत तरीके से होता है। फिटनेस ट्रेनर भी अक्सर सही तरीके से प्रशिक्षण नहीं जानते, जिससे शरीर को नुकसान होने का खतरा रहता है।
जिम में हार्टअटैक क्यों आता है?
मारुति पोलेकर के अनुसार, शरीर हमेशा संकेत देता है। अगर छाती, पीठ या पिंडलियों में दर्द महसूस हो, तो इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। हार्टअटैक से पहले चेतावनी संकेतों को समझना और चेकअप कराना जरूरी है।
वर्कआउट का सही तरीका:
वर्कआउट को तीन हिस्सों में बांटना चाहिए:
- वार्मअप – हल्की जॉगिंग, आर्म सर्कल्स, लेग स्विंग्स जैसी गतिविधियों से बॉडी को तैयार करें। पुश-अप्स और पुल-अप्स जैसी भारी एक्सरसाइज से वॉर्मअप नहीं करना चाहिए।
- मुख्य एक्सरसाइज – सही तकनीक और अपनी क्षमता के अनुसार वर्कआउट करें। लंबा समय वर्कआउट करने से ज्यादा जरूरी है सही तरीके से एक्सरसाइज करना।
- स्ट्रेचिंग – वर्कआउट के बाद स्ट्रेचिंग से मांसपेशियों की इलास्टिसिटी बढ़ती है, स्टिफनेस कम होती है और अकड़न जैसी समस्याएं दूर रहती हैं।
समग्र फिटनेस के लिए टिप्स:
- फिटनेस का 50% डाइट, 25% नींद और 25% वर्कआउट पर निर्भर करता है।
- हर बॉडी के लिए वर्कआउट अलग होता है, इसलिए अपने शरीर की जरूरत समझें।
- आधे घंटे की सही तरीके से की गई इंटेंसिव एक्सरसाइज भी बहुत प्रभावशाली हो सकती है।
मारुति पोलेकर का कहना है, “फिटनेस के लिए लाइफस्टाइल का सही होना सबसे जरूरी है। बिना सही डाइट, नींद और वार्मअप-वर्कआउट रूटीन के जल्दी परिणाम नहीं मिल सकते।”
निष्कर्ष:
वर्कआउट की शुरुआत सही वार्मअप से करें, एक्सरसाइज पूरी सावधानी से करें और अंत में स्ट्रेचिंग करें। इससे जिम में होने वाले हार्टअटैक और चोट के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है।