Wednesday, December 17

45 साल में पहली बार: चांदी ने कच्चे तेल को पीछे छोड़ा, निवेशकों के लिए नया रुझान

नई दिल्ली: इस साल चांदी ने निवेशकों को सुखद चौंकाया है। हाल के महीनों में चांदी की कीमत में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है और यह पहली बार 2 लाख रुपये प्रति किलो के पार पहुंच गई। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चांदी की कीमत लगभग 65 डॉलर प्रति ओंस तक पहुँच गई है।

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इसके विपरीत, कच्चे तेल की कीमत में इस साल भारी गिरावट दर्ज हुई है। डब्ल्यूटीआई क्रूड 55.93 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड 59.71 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा है। 1980 के बाद यह पहला मौका है जब चांदी की कीमत कच्चे तेल से ऊपर चली गई है।

विशेषज्ञों के अनुसार, 2022 के मध्य में डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमत चांदी से लगभग 5.5 गुना ज्यादा थी। तब से चांदी की कीमत में 206% की जबरदस्त वृद्धि हुई है, जबकि कच्चे तेल में 44% की गिरावट दर्ज हुई है। इस साल चांदी का प्रदर्शन 1979 के बाद सबसे बेहतर रहा है और कच्चे तेल के लिए यह महामारी के बाद का सबसे खराब साल साबित हो रहा है।

चांदी की इस तेजी का मुख्य कारण इंडस्ट्रियल डिमांड में इजाफा और निवेशकों की बढ़ती रुचि बताई जा रही है। एमसीएक्स पर 5 मार्च को डिलीवरी वाली चांदी 1,97,478 रुपये प्रति किलो पर ट्रेड कर रही थी। कारोबारी सत्र के दौरान यह 1,94,260 रुपये तक नीचे और 1,97,708 रुपये तक हाई देखने को मिला।

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह रुझान जारी रहा, तो दिसंबर तक चांदी की कीमत 2 लाख रुपये प्रति किलो के पार जा सकती है, जो निवेशकों के लिए खुशखबरी साबित होगी।

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