
नई दिल्ली: आईपीएल 2026 ऑक्शन में ऑस्ट्रेलिया के ऑलराउंडर कैमरून ग्रीन सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी बनकर उभरे। कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) ने उन्हें खरीदने के लिए ₹25.20 करोड़ का भारी-भरकम दांव लगाया। इस खरीद के साथ ही ग्रीन आईपीएल इतिहास के सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी बन गए।
मजबूरी या रणनीति?
ऑक्शन में ग्रीन के अलावा कोई ऐसा विस्फोटक बैटिंग वाला तेज गेंदबाज उपलब्ध नहीं था। यही वजह है कि KKR ने उनके लिए पूरा जोर लगाया। फ्रेंचाइजी के पास कुल 64 करोड़ रुपये का पर्स था और टीम ने इसे इस्तेमाल कर अपने मध्यक्रम और ऑलराउंडर विकल्प को मजबूत करने का फैसला किया।
बैटिंग में दम, गेंदबाजी में सीमित प्रदर्शन
टी20 में ग्रीन का बल्ले से रिकॉर्ड शानदार है। उन्होंने 21 T20I मैचों में ऑस्ट्रेलिया के लिए 521 रन बनाए हैं और ओवरऑल T20 में 63 मैचों में 1,334 रन ठोक चुके हैं। आईपीएल में 29 मैचों में उनकी औसत 41 और स्ट्राइक रेट 153 रही है। हालांकि गेंदबाजी में उनसे उतनी उम्मीद नहीं की जा सकती। 21 T20I मैचों में उन्होंने केवल 12 विकेट लिए हैं, जबकि ओवरऑल T20 में 28 ही विकेट उनके खाते में आए हैं। इसलिए केकेआर को गेंदबाजी में आंद्रे रसेल जैसी उम्मीद नहीं है।
वेंकटेश अय्यर जैसी गलती का डर
पिछले ऑक्शन में KKR ने वेंकटेश अय्यर पर भी जरूरत से ज्यादा पैसे खर्च किए थे। अय्यर अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाए और उन्हें रिलीज करना पड़ा। कैमरून ग्रीन भी टॉप ऑर्डर में बल्लेबाजी करते हैं और फिनिशर या कप्तान की भूमिका निभाने में सक्षम नहीं हैं। अगर ग्रीन IPL 2026 में प्रदर्शन नहीं कर पाए तो KKR को अय्यर जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
निष्कर्ष:
KKR ने ग्रीन के लिए भारी रकम खर्च कर युवा टीम को मजबूत बनाने की कोशिश की है, लेकिन गेंदबाजी में सीमित योगदान और फिनिशर की भूमिका में अक्षमता उन्हें जोखिम भरा विकल्प भी बना सकती है। यह देखना रोचक होगा कि आईपीएल 2026 में कैमरून ग्रीन अपनी कीमत को सही ठहराते हैं या KKR को फिर से ‘अधिक भुगतान, कम फायदा’ की स्थिति का सामना करना पड़ता है।