Wednesday, December 17

UNSC में भारत ने खींची आखिरी लकीर, अमेरिका-चीन समेत सभी स्थायी सदस्यों को 6 ‘छक्कों’ से किया चौंकाया

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत ने सुरक्षा परिषद सुधार और अंतरराष्ट्रीय शांति बनाए रखने की अक्षमता को लेकर सभी स्थायी सदस्यों को कड़ा संदेश दिया। पाकिस्तान को भी जम्मू-कश्मीर और सिंधु जल संधि के मामलों पर करारा जवाब देते हुए भारत ने आखिरी लकीर खींच दी।

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भारत के प्रतिनिधि पर्वतानेनी हरीश ने न्यूयॉर्क में ‘शांति के लिए नेतृत्व’ विषय पर हुई खुली बहस में कहा कि परिषद की अब तक की निष्क्रियता ने वैश्विक शांति और नागरिकों की सुरक्षा को गंभीर नुकसान पहुंचाया है, जिससे UNSC की वैधता और प्रभावशीलता पर सवाल उठते हैं

भारत के छह ‘छक्के’

पहला छक्का – स्थायी सदस्यों का संकीर्ण हित:
स्थायी सदस्यों ने अक्सर राष्ट्रीय हितों को वैश्विक हितों पर प्राथमिकता दी, जिससे शांति की संभावनाएं कमजोर हुईं। हरीश ने कहा कि परिषद के सदस्यों का नेतृत्व और दृष्टिकोण अंतरराष्ट्रीय शांति बनाए रखने के लिए निर्णायक है।

दूसरा छक्का – परिषद में सुधार जरूरी:
संरचनात्मक और प्रणालीगत खामियों के कारण परिषद अपनी जिम्मेदारियों में असफल रही है। वर्तमान ढांचे को समकालीन चुनौतियों के अनुरूप सुधारना अत्यावश्यक है।

तीसरा छक्का – बहुपक्षवाद को पुनर्जीवित करें:
UNSC और बहुपक्षीय प्रणाली की दक्षता बढ़ाने के लिए चल रही UN80 सुधार पहल में ‘शांति के लिए नेतृत्व’ को मार्गदर्शक माना जाना चाहिए।

चौथा छक्का – वैश्विक दक्षिण के बहुमत का प्रतिनिधित्व:
नए महासचिव को विकासशील देशों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करना चाहिए, जिसमें वित्तपोषण, जलवायु समानता और सतत विकास शामिल हैं।

पांचवां छक्का – किसी पद का विशेषाधिकार नहीं:
संयुक्त राष्ट्र की वरिष्ठ नियुक्तियां पारदर्शी और निष्पक्ष प्रक्रिया के अनुसार होनी चाहिए। कोई पद किसी एक देश का अनन्य विशेषाधिकार नहीं होना चाहिए।

छठा छक्का – महासचिव चुनाव में पारदर्शिता:
भारत ने महासचिव के चुनाव में पारदर्शिता और पूर्वानुमान सुनिश्चित करने के लिए किए गए प्रयासों का समर्थन किया।

पाकिस्तान को भारत का सख्त संदेश

पर्वतानेनी हरीश ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग हैं और रहेंगे। पाकिस्तान के प्रतिनिधि द्वारा अनुचित टिप्पणी केवल विभाजनकारी एजेंडे को दर्शाती है।

सिंधु जल संधि पर भारत की नई नीति

65 साल पहले भारत ने सिंधु जल संधि में मित्रता और सद्भावना की भावना से प्रवेश किया था। हरीश ने कहा कि पाकिस्तान की लगातार आतंकवादी गतिविधियों और संधि उल्लंघनों के कारण यह संधि तब तक स्थगित रहेगी, जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन पूरी तरह बंद नहीं करता।

निष्कर्ष

भारत ने UNSC में स्पष्ट कर दिया कि वह पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के सभी रूपों का मुकाबला पूरी ताकत से करेगा। साथ ही, भारत बहुपक्षवाद और वैश्विक शांति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है और सभी देशों के लिए सुरक्षा, शांति और समृद्धि सुनिश्चित करने के प्रयासों में योगदान देने के लिए तत्पर है।

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