
सिडनी/अबू धाबी (अभिजात शेखर आजाद) – ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में रविवार शाम को बोंडी बीच पर हुए आतंकवादी हमले में मरने वालों की संख्या 15 हो गई। न्यू साउथ वेल्स पुलिस के अनुसार हमलावर बाप-बेटे की जोड़ी थी, जिनकी पहचान साजिद अकरम (50) और उनके बेटे नवीद अकरम (24) के रूप में हुई है। इस आतंकी हमले में लगभग 30 अन्य लोग घायल हुए हैं, जिनमें दो पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं।
हमले के समय बोंडी बीच पर यहूदी त्योहार हनुका मनाने का कार्यक्रम चल रहा था। इसी दौरान दोनों हमलावरों ने अंधाधुंध फायरिंग की, जिससे पूरी ऑस्ट्रेलिया दहल गई।
अवैध प्रवासियों की नीति पर उठ रहे सवाल
विशेषज्ञों ने ऑस्ट्रेलिया में पहले लागू की गई अवैध प्रवासियों के खुले स्वागत की नीति पर गंभीर सवाल उठाए हैं। यहूदियों के खिलाफ हमलों में बढ़ोतरी और सुरक्षा की अनदेखी को लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी ऑस्ट्रेलियाई सरकार की आलोचना की है।
पाकिस्तान समर्थित जिहादी आतंकवाद
संयुक्त अरब अमीरात के जियो-पॉलिटिकल एक्सपर्ट अमजद ताहा ने इस आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान की विचारधारा को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि, “कुछ महीने पहले भारत ने कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित जिहादी आतंकवाद का सामना किया। दुनिया ने इसे नजरअंदाज किया। अब वही विचारधारा ऑस्ट्रेलिया और बोंडी बीच तक पहुंच गई और यहूदी समुदाय के खिलाफ नरसंहार कर रही है।”
अमजद ताहा ने आगे कहा कि पाकिस्तान हाल ही में सूडानी मुस्लिम ब्रदरहुड के नेतृत्व वाली सेना को हथियार भेज रहा है, जिससे लाखों लोगों की मौतें हुई हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से दुनिया से मांग की कि पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराया जाए।
खुला खतरा और नजरअंदाजी
अमजद ताहा के अनुसार, यहूदी-विरोध अब सिर्फ नफरत नहीं रह गई। कई जगहों पर इसे सरकारों द्वारा संरक्षित या माफ किया जाता है, और यह बढ़ावा भी दिया जाता है। “जब नफरत को नजरअंदाज किया जाता है, तो वह बढ़ जाती है। जब आतंकवाद को माफ किया जाता है, तो वह कई गुना बढ़ जाता है। यही बोंडी बीच और पहले कश्मीर में हुए घटनाओं का नतीजा है।”