
₹5,000 करोड़ के स्वदेशी ड्रोन खरीदेगी भारतीय सेना, दुश्मन को तीन मोर्चों पर जवाब देने की तैयारी
भारतीय सेना अपनी युद्ध क्षमता को नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में बड़ा कदम उठा रही है। सेना ने करीब ₹5,000 करोड़ मूल्य के स्वदेशी ड्रोन खरीदने के ऑर्डर दिए हैं। ये अत्याधुनिक ड्रोन दुश्मन की स्पूफिंग और जैमिंग तकनीक से निपटने में पूरी तरह सक्षम होंगे।
सेना ने इन ड्रोन की खरीद से पहले ऑपरेशन सिंदूर जैसी परिस्थितियों को दोहराकर कड़े और वास्तविक युद्ध-परिस्थितियों वाले परीक्षण किए। इसके बाद ही घरेलू कंपनियों को ऑर्डर दिए गए हैं, जिनमें सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्र की अग्रणी कंपनियां शामिल हैं।
दुश्मन को तीन तरह से देंगे मात
रिपोर्ट के अनुसार, सेना जिन ड्रोन को शामिल कर रही है, वे दुश्मन से तीन स्तर पर मुकाबला करेंगे—
- कामिकेज (आत्मघाती) ड्रोन:
शॉर्ट रेंज में लक्ष्य पर हमला कर खुद को नष्ट करने वाले ड्रोन। - प्रिसाइज म्यूनिशन ड्रोन:
लंबी दूरी तक जाकर लक्ष्य की पहचान कर सटीक हमला करने और सुरक्षित लौटने में सक्षम। - सर्विलांस ड्रोन:
दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखने वाले खुफिया ड्रोन।
कड़े परीक्षणों के बाद हुआ चयन
ड्रोन चयन प्रक्रिया के दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि इनमें चीनी पार्ट्स का कोई इस्तेमाल न हो। सेना ने विशेष इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर टेस्टिंग एरिया बनाकर ड्रोन को भारी जैमिंग और स्पूफिंग माहौल में परखा। प्राथमिक लक्ष्य ऐसे ड्रोन चुनना था, जो कठिन परिस्थितियों और सीमावर्ती इलाकों में भी बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
ऊंचाई वाले इलाकों में भी कारगर
परीक्षण के दौरान यह भी जांचा गया कि ड्रोन ऊंचाई वाले क्षेत्रों में प्रभावी तरीके से काम कर सकें। इस प्रक्रिया में म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड ने शानदार प्रदर्शन करते हुए लोइटरिंग म्यूनिशन के लिए करीब ₹500 करोड़ का ठेका हासिल किया।
निजी कंपनियों की बड़ी भागीदारी
निजी क्षेत्र में न्यूस्पेस रिसर्च एंड टेक्नोलॉजीज और एसएमपीपी प्राइवेट लिमिटेड को सर्विलांस और कामिकेज ड्रोन के लिए करीब ₹725 करोड़ के ठेके मिले। वहीं आइडियाफोर्ज ने सर्विलांस ड्रोन और जेएसडब्ल्यू ने वर्टिकल टेक-ऑफ व लैंडिंग में सक्षम ड्रोन के क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मजबूत कदम
यह सौदा न सिर्फ सेना की रणनीतिक ताकत को बढ़ाएगा, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी नई गति देगा। आधुनिक ड्रोन तकनीक के साथ भारतीय सेना भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार दिखाई दे रही है।