Saturday, December 13

15 साल तक सिस्टम से लड़े, पेंटर का काम कर परिवार पाला… अब सीतामढ़ी के संजय को मिली सरकारी नौकरी

सीतामढ़ी: सरकारी विभागों में अवैध बहाली और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ना आसान नहीं होता। सीतामढ़ी के बैरगनिया प्रखंड के बेंगाही गांव के संजय राम ने इस बात का जीता-जागता उदाहरण पेश किया है। 2010 में नंदवारा पंचायत में विकास मित्र पद के लिए विज्ञापन आया था। संजय उस पद के लिए पूरी तरह योग्य थे, लेकिन भ्रष्ट सिस्टम ने उनकी जगह नगर पंचायत बैरगनिया के राजकुमार मांझी को बहाल कर दिया।

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संजय का 15 साल का संघर्ष
संजय ने अपने दस्तावेजों के सहारे 15 वर्षों तक प्रशासन और सिस्टम के खिलाफ लगातार शिकायतें कीं। कई डीएम, एसडीओ, जिला कल्याण पदाधिकारी और बीडीओ आए और गए, लेकिन किसी ने संजय की समस्या को गंभीरता से नहीं लिया। इस बीच संजय ने पेंटर का काम करके अपने परिवार का पालन-पोषण किया और न्याय की उम्मीद बनाए रखी।

न्याय मिला डीएम रिची पांडेय से
हाल ही में वर्तमान डीएम रिची पांडेय ने संजय के मामले को गंभीरता से लिया। जिला स्थापना दिवस के मौके पर 11 दिसंबर को डीएम पांडेय के हाथों संजय को नियुक्ति-पत्र दिया गया। संजय ने बताया, “अवैध बहाल राजकुमार मांझी के पास पैरवी थी, जबकि मेरे पास केवल कागजात। इसके बावजूद मैंने 15 साल तक हार नहीं मानी और विश्वास रखा कि न्याय मिलेगा।”

पेंटर की मेहनत और परिवार का पालन
इस लंबी लड़ाई के दौरान संजय ने पेंटर का काम कर परिवार का पालन-पोषण किया। उन्होंने कहा कि देर से ही सही न्याय मिलना यह साबित करता है कि सिस्टम में विश्वास बनाए रखना जरूरी है।

प्रशासन की प्रतिक्रिया
जिला कल्याण पदाधिकारी सुभाषचंद्र राजकुमार ने कहा कि उस दौरान के पदाधिकारियों की संवेदनशीलता न होने के कारण संजय को इतनी लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी। यह घटना सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार और पारदर्शिता की कमी का भी सबूत है।

संजय की यह कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है, जो सिस्टम की गलत व्यवस्थाओं के खिलाफ आवाज उठाने से डरते हैं। यह साबित करती है कि कड़ी मेहनत, धैर्य और सच्चाई के बल पर अंततः न्याय संभव है।

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