
नालंदा।
बिहार पुलिस की ताकत में शनिवार को एक ऐतिहासिक बढ़ोतरी हुई, जब 2023 बैच के 1,218 प्रशिक्षित सब-इंस्पेक्टर (दारोगा) औपचारिक रूप से पुलिस बल में शामिल हो गए। राजगीर स्थित पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित भव्य पासिंग आउट परेड के साथ इन सभी प्रशिक्षुओं ने अपना कठोर प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने परेड की सलामी ली, जबकि उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री सुबह 10 बजे हेलीकॉप्टर से राजगीर हॉकी मैदान पहुंचे, इसके बाद वाहन से पुलिस प्रशिक्षण केंद्र आए।
1218 दारोगाओं में 3 ट्रांसजेंडर भी शामिल
इस बैच में कुल 779 पुरुष, 436 महिलाएं और 3 ट्रांसजेंडर प्रशिक्षु शामिल हैं। यह बिहार पुलिस के इतिहास में पहली बार है जब ट्रांसजेंडर अभ्यर्थियों ने दारोगा पद पर सफलता हासिल की है, जिसे सामाजिक समावेशन की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
इसके अलावा खेल कोटा से चयनित 23 प्रतिभाशाली अभ्यर्थी और झारखंड कैडर के 4 प्रशिक्षु दारोगा भी इस प्रशिक्षण सत्र का हिस्सा रहे।
साइबर क्राइम से लेकर फायरिंग तक मिला आधुनिक प्रशिक्षण
प्रशिक्षण के दौरान दारोगाओं को केवल पारंपरिक पुलिसिंग तक सीमित नहीं रखा गया। बदलते अपराध स्वरूप को देखते हुए उन्हें साइबर अपराध, ऑनलाइन ठगी, बैंक व एटीएम फ्रॉड की जांच, डिजिटल साक्ष्य संकलन जैसी आधुनिक तकनीकों की गहन ट्रेनिंग दी गई।
इसके साथ ही ड्राइविंग, घुड़सवारी, साइक्लिंग, योग और मानसिक अभ्यास के जरिए शारीरिक-मानसिक मजबूती पर विशेष जोर दिया गया। आधुनिक हथियारों के संचालन, फायरिंग अभ्यास और सामरिक प्रशिक्षण भी प्रशिक्षण का अहम हिस्सा रहा।
कानून-व्यवस्था को मिलेगी मजबूती
पुलिस प्रशिक्षण केंद्र के निदेशक आर. मलर विल्ली ने बताया कि इन 1218 नए दारोगाओं की तैनाती से राज्य में कानून-व्यवस्था को और मजबूती मिलेगी। विशेष रूप से साइबर अपराध, आर्थिक अपराध और शहरी क्षेत्रों में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों पर नियंत्रण में यह बैच महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को मिलेगा सम्मान
पासिंग आउट परेड के बाद इन सभी दारोगाओं की जल्द ही विभिन्न जिलों और इकाइयों में पोस्टिंग की जाएगी। प्रशिक्षण के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रशिक्षुओं को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित भी किया जाएगा।
इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनने के लिए बड़ी संख्या में प्रशिक्षुओं के परिजन भी परेड में मौजूद रहे, जिनकी आंखों में गर्व और खुशी साफ झलक रही थी—जब उन्होंने पहली बार अपने बच्चों के कंधों पर सितारे चमकते देखे।
बिहार पुलिस में शामिल हुआ यह नया बैच न केवल संख्या में मजबूत है, बल्कि तकनीक, समावेशन और आधुनिक पुलिसिंग का प्रतीक भी बनकर उभरा है।