
कराची और ल्यारी की गलियों में पुलिस की दुनिया का नाम बन चुके चौधरी असलम की कहानी उनकी बहादुरी और संघर्ष से भरी है। कराची पुलिस के सबसे खूंखार और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट रहे असलम चौधरी ने अपने करियर में 100 से अधिक एनकाउंटर किए। वह पाकिस्तान की एंटी-टेररिज्म यूनिट में एएसपी के पद पर कार्यरत थे।
लेखक और सिंध पुलिस के उप महानिरीक्षक (DIG) उमर शाहिद हामिद ने हाल ही में ‘डिजी टेल्स’ में चौधरी असलम की यादें साझा कीं। उन्होंने बताया कि पहली मुलाकात में असलम ने सफेद सलवार-कमीज़ पहनकर ग्लॉक पिस्टल मेज पर रखकर अपने पिता के हत्यारे को गिरफ्तार करने की कहानी सुनाई। उमर शाहिद ने कहा, “असलम दिल से क्राइम फाइटर थे और उन्होंने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कई खतरनाक मोर्चे संभाले।”
कठिन चुनौतियां और बहादुरी:
1990 के दशक में एमक्यूएम की उग्रवादी शाखाओं और 2000 के दशक में ल्यारी गैंग के साथ संघर्ष, रहमान डकैत और अरशद पप्पू जैसे गिरोहों से निपटना असलम के लिए रोजमर्रा की चुनौती थी। वह किसी भी पार्टी के प्रति पक्षपाती नहीं थे और अपराध को एक ही नजर से देखते थे।
एफआईआर, सस्पेंड और दबाव:
उमर शाहिद ने बताया कि असलम के काम करने के तरीके बहुत ही एक्स्ट्रीम थे। कई बार सरकार बदलने पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई और उन्हें सस्पेंड भी किया गया। बावजूद इसके, उन्होंने कानून और शांति बनाए रखने का अपना फर्ज निभाया।
घर पर हमला और निजी जिंदगी:
असलम की मौत से पहले उनके घर को बम से उड़ाया गया, लेकिन परिवार सुरक्षित रहा। उमर शाहिद ने कहा कि असलम हमेशा संगठन के दायरे में रहे और उनकी निजी जिंदगी कई बार संकट में रही।
2014 में बम धमाके में मौत:
साल 2014 में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) द्वारा किए गए आत्मघाती बम विस्फोट में चौधरी असलम की मौत हो गई। उनकी विधवा पत्नी नोरीन ने हाल ही में बताया कि उनके पति संजय दत्त के फैन थे और संजय ने असलम के किरदार को न्यायपूर्ण तरीके से पर्दे पर उतारा।
बॉलीवुड में छाया किरदार:
हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘धुरंधर’ में संजय दत्त ने चौधरी असलम का किरदार निभाया। इस किरदार ने दर्शकों के दिलों में असलम की बहादुरी और अदम्य साहस की झलक पेश की।