
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकिंग चार्जेज को लेकर कड़ा कदम उठाया है। अब सभी बैंकों में सर्विस चार्ज और फीस का खुलासा एक ही फॉर्मेट में होना सुनिश्चित किया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य ग्राहकों के लिए छुपे हुए और दोहरे चार्जेज को खत्म करना है।
क्या होगा नया नियम?
- RBI बैंकों के साथ मिलकर ऐसा सिस्टम विकसित कर रहा है, जिसमें सभी तरह की फीस और सर्विस चार्ज का विवरण स्पष्ट रूप से ग्राहकों को मिलेगा।
- इसमें लोन प्रोसेसिंग फीस का पूरा ब्रेक-अप भी शामिल होगा, ताकि ग्राहक समझ सकें कि उन्हें किस सेवा के लिए कितना चार्ज देना है।
- ग्राहकों के लिए बैंकिंग सेवाओं के चार्ज साफ और सीधे होंगे, जिससे भ्रम की स्थिति खत्म होगी।
सरकार और RBI की पहल
- पिछले कुछ समय में सरकार के निर्देश के बाद, ज्यादातर पब्लिक सेक्टर बैंकों ने मिनिमम बैलेंस पर लगने वाले जुर्माने को हटा दिया था।
- RBI ने बैंकों से कहा है कि वे ऐसी सर्विस लिस्ट तैयार करें जो सभी ब्रांचों में एक जैसी हो, ताकि ग्राहक समान सेवाएं पा सकें।
बैंकों को छूट भी दी जाएगी
- बैंक अकाउंट के प्रकार के अनुसार सर्विस चार्ज तय कर सकते हैं।
- पर्सनल लोन से जुड़े शुल्कों की सूची भी सरलीकृत की जाएगी।
ग्राहक सेवा पर जोर
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में कहा कि केंद्रीय बैंक ग्राहक सेवा को प्राथमिकता दे रहा है। उनका यह भी कहना है कि बैंकिंग नियमों में यह बदलाव ग्राहकों को पारदर्शिता और सुविधा दोनों देगा।
विश्लेषण:
इस नए कदम से ग्राहकों को बैंकिंग सेवाओं में भरोसा और सुविधा बढ़ेगी। अब कोई भी ग्राहक अपने अकाउंट या लोन से जुड़ी फीस को आसानी से समझ पाएगा और अनजाने में अतिरिक्त शुल्क नहीं चुकाएगा।