
बीजिंग/ढाका, 12 दिसंबर 2025: चीन की महत्त्वाकांक्षी J-10C फाइटर जेट को बेचने की कोशिश अब बड़े झटके का सामना कर रही है। बांग्लादेश ने 4.5 पीढ़ी के चीनी लड़ाकू विमान की बजाय यूरोफाइटर टाइफून में दिलचस्पी दिखाई है। इस कदम ने चीन के उस अभियान को झटका दिया है, जिसमें भारत के खिलाफ प्रोपेगैंडा करके J-10C को राफेल हत्यारे के रूप में प्रमोट किया जा रहा था।
बांग्लादेश ने यूरोफाइटर के लिए LoI पर हस्ताक्षर किए
यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश वायु सेना (BAF) ने 12 से 16 यूरोफाइटर टाइफून खरीदने के लिए लेटर ऑफ़ इंटेंट (LoI) पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। अगर डील पक्की होती है तो बांग्लादेश यूरोफाइटर को संचालित करने वाला दक्षिण एशिया का पहला देश बनेगा। यह विमान ब्रिटेन, इटली, जर्मनी और स्पेन के संयुक्त प्रयास से विकसित किया गया है।
चीन का प्रचार और नाकामी
चीन ने अपने J-10C को प्रमोट करने के लिए भारत-पाकिस्तान के बीच मई में हुए चार दिवसीय संघर्ष का हवाला देते हुए झूठा प्रचार किया। पाकिस्तान ने दावा किया कि J-10C और उसकी एयर-टू-एयर मिसाइल PL-15 ने 3-4 राफेल समेत 8 भारतीय जेट मार गिराए। हालांकि, वास्तविकता में केवल एक राफेल जेट खोया, और वह भी तकनीकी खराबी के कारण। इसके बावजूद चीन ने J-10C को ‘राफेल किलर’ के रूप में प्रचारित किया, लेकिन नया ऑर्डर हासिल नहीं कर सका, जबकि इसकी कीमत राफेल और यूरोफाइटर से लगभग आधी है।
बांग्लादेश की नई पसंद
चीन की निराशा के बीच बांग्लादेश ने स्पष्ट किया कि वह यूरोफाइटर टाइफून के साथ अपनी वायु शक्ति को आधुनिक बनाने में रुचि रखता है। इस कदम से चीन की रणनीति और उसके J-10C विमान के लिए संभावित बाजार पर बड़ा असर पड़ा है।