
लंबे इंतजार और लगातार चेतावनियों के बाद गुरुवार देर रात सरकार ने आईएएस संतोष वर्मा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। उन्हें किसान एवं कृषि कल्याण विभाग के उप सचिव पद से हटाकर सामान्य प्रशासन विभाग में बिना काम के अटैच कर दिया गया। अब उनके पास कार्यालय जाना ही होगा, लेकिन कोई अधिकार या जिम्मेदारी नहीं रहेगी।
संतोष वर्मा ने हाल ही में ब्राह्मण समाज और हाईकोर्ट पर विवादित बयान दिए, जिससे सरकार के लिए यह स्थिति असहनीय बन गई। इसके अलावा, उन्होंने एससी-एसटी को हाईकोर्ट सिविल जज न बनने देने का भी आरोप लगाया, जो पूरी तरह बेबुनियाद था।
सरकार ने अब केंद्र को उनकी बर्खास्तगी की सिफारिश भेजने का निर्णय लिया है। उनके खिलाफ पहले से आरोप हैं कि उन्होंने कूटरचित दस्तावेजों के सहारे आईएएस में प्रमोशन लिया था। यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इसी कारण उनका अपर सचिव पद का प्रमोशन रुक गया है।
संतोष वर्मा के खिलाफ चार्जशीट जारी की जाएगी। उनके खिलाफ एक क्रिमिनल केस और दो विभागीय जांच भी पेंडिंग हैं। अफेयर और विवादित बयानों के कारण वह लगातार सुर्खियों में रहे हैं।
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अब कोई भी चेतावनी काम नहीं आएगी और बेकाम किए गए आईएएस के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।