Thursday, December 11

“लैंड क्रूज़र से मर्सिडीज तक… अनंत सिंह के शौक के आगे छोटी पड़ गई बिहार सरकार की दो पार्किंग वाली कोठी!”

पटना। मोकामा से जेडीयू विधायक अनंत सिंह को बिहार सरकार द्वारा पटना के वीरचंद पटेल पथ पर डुप्लेक्स फ्लैट संख्या 8/11 आवंटित किया गया है। नए आवास के बाहर “मोकामा” और “विधानसभा क्षेत्र–178” का बोर्ड भी लगा दिया गया है। लेकिन आवास आवंटन के साथ ही एक नया सवाल भी खड़ा हो गया है—क्या यह छोटा सरकारी फ्लैट ‘छोटे सरकार’ की बड़ी-बड़ी लग्जरी गाड़ियों को समायोजित कर पाएगा?

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नया सरकारी फ्लैट आकार में उनके माल रोड स्थित भव्य बंगले से छोटा बताया जा रहा है। सबसे महत्वपूर्ण बात—इसमें सिर्फ दो गाड़ियों की पार्किंग ही उपलब्ध है। ऐसे में चर्चा गर्म है कि अगर अनंत सिंह यहां शिफ्ट होते हैं, तो उनकी करोड़ों की गाड़ियों का क्या होगा?

करोड़ों की कार कलेक्शन, जिनके आगे दो पार्किंग नाकाफी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अनंत सिंह की गाड़ियों के प्रति दीवानगी किसी से छिपी नहीं है। उनके गैराज में मौजूद गाड़ियां किसी बड़े कारोबारी या सेलिब्रिटी से कम नहीं।

1. टोयोटा लैंड क्रूजर – 3 से 3.5 करोड़ की शान

अनंत सिंह की सबसे चर्चित गाड़ी टोयोटा लैंड क्रूजर है। पावर और सुरक्षा में टॉप इस SUV का इस्तेमाल उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में भी किया था।

2. मर्सिडीज – विधानसभा में जाने की पहचान

एक समय था जब वे बिहार के एकमात्र विधायक थे जो मर्सिडीज में विधानसभा पहुंचते थे। उनकी यह गाड़ी आज भी उनकी शान मानी जाती है।

3. लैंड रोवर डिस्कवरी – काले रंग की ताकत

ब्लैक कलर की लैंड रोवर डिस्कवरी में घूमना उनका प्रिय शौक रहा है। यह गाड़ी अब भी उनके आवास पर सुरक्षित खड़ी है।

4. इनोवा, फॉर्च्यूनर, स्कॉर्पियो – लंबा काफिला

इन सबके अलावा उनके पास इनोवा, फॉर्च्यूनर और स्कॉर्पियो भी हैं।
लैंड क्रूज़र को छोड़कर लगभग सभी गाड़ियां ब्लैक कलर की हैं। उनके काफिले में भी गाड़ियों की लंबी कतार देखी जाती है।

क्या पुराना बंगला छोड़ पाएंगे अनंत सिंह?

नया सरकारी फ्लैट छोटा है और पार्किंग बेहद सीमित। ऐसे में यह सवाल अहम है कि क्या वे माल रोड स्थित अपनी आलीशान हवेली को खाली कर यहां आ पाएंगे?
सूत्रों के मुताबिक इस पर अब भी संशय बना हुआ है।

निष्कर्ष:
सरकार ने तो आवास दे दिया, लेकिन ‘छोटे सरकार’ की बड़ी गाड़ियों के आगे यह ‘छोटी पार्किंग’ बड़ी चुनौती बनकर खड़ी हो गई है। अब देखना दिलचस्प होगा कि अनंत सिंह क्या फैसला लेते हैं—पुराना महलनुमा आवास या सीमित सुविधाओं वाला नया सरकारी डुप्लेक्स!

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