
नई दिल्ली: अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने लगातार तीसरी बार ब्याज दरों में कटौती की है। अब यह दर 3.5% से 3.75% के बीच आ गई है, जो तीन साल में सबसे निचला स्तर है। फेड ने अगले साल केवल एक और बार दरों में कटौती का संकेत दिया है।
इस फैसले का वैश्विक वित्तीय बाजारों पर गहरा असर होगा। खासकर भारतीय शेयर बाजार के लिए यह राहत की खबर है।
शेयर बाजार में प्रतिक्रिया
पिछले तीन दिन से भारतीय बाजार में गिरावट रही थी, क्योंकि निवेशक फेड रिजर्व के फैसले का इंतजार कर रहे थे। आज सुबह बाजार तेजी के साथ खुला।
- बीएसई सेंसेक्स: 84,559.22 अंक, 167.95 अंक यानी 0.20% की तेजी
- NSE निफ्टी50: 25,819.40 अंक, 61.40 अंक यानी 0.24% की तेजी
विशेषज्ञों का कहना है कि यह कटौती कर्ज को सस्ता करेगी और बाजार में नकदी (लिक्विडिटी) बढ़ाएगी, जिससे निवेशकों में भरोसा बढ़ सकता है।
भारत पर असर
VT Markets के ग्लोबल स्ट्रैटेजी ऑपरेशंस लीड रॉस मैक्सवेल के अनुसार, कमजोर अमेरिकी डॉलर और कम वैश्विक ब्याज दरें उभरते बाजारों जैसे भारत को फायदा पहुंचा सकती हैं। हालांकि, अमेरिका की आर्थिक विकास दर और फेड की सीमित कटौती क्षमता निवेशकों के उत्साह को सीमित कर सकती है।
रुपये पर प्रभाव:
- रुपये में इस साल लगभग 5% की गिरावट
- फेड की अनिश्चित नीतियों और वैश्विक जोखिमों के कारण रुपया दबाव में
- 2025 के अंत तक रुपया डॉलर के मुकाबले 90 के नीचे रहने की संभावना
- डॉलर मजबूत होने पर रुपया और गिर सकता है, जिससे भारत की बाहरी कमजोरियों पर दबाव
विशेषज्ञों की चेतावनी: फेड की कटौती से राहत तो मिलेगी, लेकिन ट्रेड टैरिफ और अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड से उत्पन्न संरचनात्मक बाधाओं को पूरी तरह दूर नहीं किया जा सकता। इसलिए निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।