
नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए 8वां वेतन आयोग चर्चा का मुख्य विषय बन गया है। सवाल यह है कि क्या 1 जनवरी, 2026 से कर्मचारियों को 8वें वेतन आयोग का एरियर मिलेगा? सरकार ने संकेत दिए हैं, लेकिन आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है।
संसद में उठे सवाल
लोकसभा में चार सांसदों ने वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी से 8वें वेतन आयोग लागू होने की तारीख पूछी। चौधरी ने स्पष्ट किया कि सरकार उचित समय पर तारीख तय करेगी और एरियर के लिए धन का प्रावधान करेगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले तीन वेतन आयोगों के इतिहास को देखें तो सरकार ने सिफारिशों की मंजूरी के बाद भी कर्मचारियों को आयोग की समाप्ति तिथि से ही एरियर दिया। उदाहरण के लिए, 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें जून 2016 में लागू हुईं, लेकिन एरियर 1 जनवरी, 2016 से मिला।
एचआरए पर बचत
ऑल इंडिया एनपीएस एम्प्लॉइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह पटेल का कहना है कि पिछली प्रथाओं के अनुसार तकनीकी रूप से 1 जनवरी, 2026 से एरियर देना चाहिए, लेकिन HRA पर सरकार आमतौर पर एरियर नहीं देती, जिससे उसे काफी राशि की बचत होती है।
उदाहरण के अनुसार, 76,500 रुपये के मूल वेतन पर सरकार HRA के लिए लगभग 18,360 रुपये बचाती है।
- मूल वेतन: 76,500 रुपये
- महंगाई भत्ता (DA) 58%: 44,370 रुपये
- मकान किराया भत्ता (HRA) 30%: 22,950 रुपये
- कुल वेतन: 1,43,820 रुपये
8वें वेतन आयोग के अनुसार, फिटमेंट फैक्टर 2.0 लागू होने पर:
- फिटमेंट के बाद मूल वेतन: 1,53,500 रुपये
- HRA 27%: 41,310 रुपये
- कुल वेतन: 1,94,310 रुपये
एरियर की गणना
- HRA के बिना: प्रति माह एरियर = 32,130 रुपये
- HRA शामिल: प्रति माह एरियर = 50,990 रुपये
- सरकार की बचत HRA पर: 18,359 रुपये प्रति माह
निष्कर्ष
कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए यह मामला अभी स्पष्ट नहीं है। सरकार के निर्णय के साथ ही यह तय होगा कि एरियर कब से मिलेगा और HRA पर कितना असर पड़ेगा। कर्मचारी संगठनों की मांग है कि HRA पर भी एरियर मिले, ताकि पूरी सैलरी का लाभ कर्मचारियों तक पहुंचे।