
नई नीतीश सरकार के गठन के बाद बिहार में औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन को गति देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। मुजफ्फरपुर जिले में बेला और मोतीपुर के बाद अब पारू में तीसरा बड़ा औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने की प्रक्रिया तेज़ हो गई है। इसके लिए लगभग 700 एकड़ भूमि अधिग्रहण को मंजूरी के लिए जिला भू-अर्जन कार्यालय को प्रस्ताव भेजा गया है।
700 एकड़ भूमि अधिग्रहण की तैयारी तेज
अधिकारियों के अनुसार, अधियाचना जिला भूमि अधिग्रहण कार्यालय को भेजी जा चुकी है और प्रस्ताव तकनीकी समीक्षा में है। चिन्हित भूखंडों का न्यूनतम मूल्य दर (एमवीआर) निर्धारित करने के लिए समिति गठित की जाएगी।
राज्य मंत्रिमंडल की स्वीकृति के बाद उद्योग विभाग भूमि मालिकों के मुआवजे की प्रक्रिया शुरू करेगा, जिसमें दो से तीन महीने का समय लगने का अनुमान है।
भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव पारू प्रखंड के निम्न गांवों में:
- चैनपुर चिउटाहां – 250 एकड़
- चतुरपट्टी – 150 एकड़
- हरपुर – 120 एकड़
- विशुनपुर सरैया – 85 एकड़
कनेक्टिविटी से बढ़ेगा निवेश
परियोजना से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि भूमि अधिग्रहण से संबंधित गांवों को मांगपत्र जारी कर दिए गए हैं। यदि तकनीकी विसंगतियां नहीं मिलीं तो परियोजना बिना देरी के आगे बढ़ेगी।
नया औद्योगिक क्षेत्र बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (बियाडा) द्वारा विकसित किया जाएगा।
इसकी विशेषता यह है कि यह क्षेत्र—
- निर्माणाधीन पटना–बेतिया फोर लेन
- प्रस्तावित हाजीपुर–सुगौली रेलवे लाइन
के निकट स्थित है, जिससे मजबूत कनेक्टिविटी और तेज़ परिवहन सुविधा मिलेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे औद्योगिक निवेश आकर्षित होगा।
रोज़गार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती
सरकारी अधिकारियों ने संकेत दिया है कि पारू औद्योगिक क्षेत्र में सबसे पहले खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की जाएंगी।
सरकार को उम्मीद है कि यह औद्योगिक क्षेत्र—
- क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को गति देगा
- स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करेगा
- राज्य की सबसे बड़ी चुनौती पलायन को रोकने में सहायक होगा
नई सरकार ने संकेत दिए हैं कि आने वाले समय में बिहार के अन्य जिलों में भी इसी तरह के औद्योगिक क्षेत्रों के विकास पर जोर दिया जाएगा, ताकि राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत हो और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर यहीं उपलब्ध हो सकें।
