
मॉस्को/इस्लामाबाद। रूस के राष्ट्रपति वलादिमिर पुतिन ने अफगानिस्तान में तालिबान के शासन को लेकर पाकिस्तान की कथित नरेटिव को एक झटके में ध्वस्त कर दिया है। पुतिन ने कहा कि तालिबान का शासन अफगानिस्तान में एक सच्चाई है और इसे स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि तालिबान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सक्रिय है और उसने देश में अफीम के उत्पादन पर भी रोक लगा दी है।
तालिबान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में
पुतिन ने इंडिया टुडे के साथ साक्षात्कार में कहा, “हर देश में समस्याएं होती हैं और अफगानिस्तान भी अलग नहीं है। तालिबान स्पष्ट रूप से अफगानिस्तान में हालात को नियंत्रित कर रहा है। यह संगठन आतंकवादी समूहों जैसे इस्लामिक स्टेट और अन्य संगठन से लड़ने के कई कदम उठा रहा है। यह हम भी अच्छी तरह जानते हैं।”
तालिबान से संबंध की वजह
रूसी राष्ट्रपति ने अफगान सरकार के साथ संबंध स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “कोई संपर्क न होने से बेहतर है कि मौजूदा नेतृत्व के साथ संपर्क बनाए रखा जाए, ताकि देश की घटनाओं पर असर डाला जा सके। रूस इसी दृष्टिकोण के तहत तालिबान के साथ अपने संबंध गहरे कर रहा है।”
पाकिस्तान का नैरेटिव ध्वस्त
पाकिस्तान लंबे समय से आरोप लगाता रहा है कि अफगान तालिबान TTP (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) को पाकिस्तानी धरती पर काम करने की अनुमति देता है। पुतिन के बयान ने इस नैरेटिव को पूरी तरह हवा में उड़ा दिया। अफगान तालिबान ने बार-बार इन आरोपों से इनकार किया है।
रूस और तालिबान का बढ़ता रिश्ता
रूस पहला देश है जिसने तालिबान सरकार को मान्यता दी और काबुल के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए। पुतिन ने स्पष्ट किया कि तालिबान के साथ जुड़ाव का मकसद अफगानिस्तान में स्थिरता और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को समर्थन देना है।
यह बयान पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच बढ़ते तनाव के बीच महत्वपूर्ण कूटनीतिक संदेश के रूप में देखा जा रहा है।