Friday, December 5

विदेश से MBBS कर लौटे तीन फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार — राजस्थान SOG ने फाड़ा 16 लाख में बिकने वाले फर्जी FMGE सर्टिफिकेट का बड़ा रैकेट

जयपुर। राजस्थान स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने गुरुवार को एक बड़ा खुलासा करते हुए तीन ऐसे युवकों को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी FMGE सर्टिफिकेट बनवाकर सरकारी मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टर बनकर इंटर्नशिप कर रहे थे। जांच में सामने आया कि ये तीनों आरोपी विदेश से MBBS कर भारत लौटे थे, लेकिन FMGE परीक्षा में बार-बार असफल होने पर इन्होंने नकली प्रमाणपत्रों का सहारा लिया।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान पीयूष कुमार त्रिवेदी, शुभम गुर्जर और देवेंद्र सिंह गुर्जर, तीनों निवासी दौसा जिले के रूप में हुई है। SOG अब इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने में लगी है।

FMGE पास नहीं कर पाए, फिर भी इंटर्नशिप शुरू

एडीजी (SOG) विशाल बंसल के अनुसार एजेंसी को सूचना मिली थी कि पीयूष त्रिवेदी ने FMGE परीक्षा पास किए बिना ही फर्जी सर्टिफिकेट बनवाया और उसी के आधार पर नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) से इंटर्नशिप की अनुमति हासिल कर ली। उसे करौली के राजकीय मेडिकल कॉलेज में इंटर्नशिप भी आवंटित हो चुकी थी।

इसके बाद SOG ने केस दर्ज कर जांच शुरू की और पता चला कि ये एक नहीं, बल्कि तीन फर्जी डॉक्टर हैं जो अलग-अलग सरकारी मेडिकल कॉलेजों में इंटर्नशिप कर चुके हैं।

जॉर्जिया से MBBS, तीन बार FMGE में फेल

जांच में सामने आया कि:

  • पीयूष ने 2020 में जॉर्जिया से MBBS किया।
  • उसने FMGE परीक्षा 2022, 2023 और 2024 में दी, लेकिन हर बार फेल हुआ।
  • इसके बाद उसने अपने परिचित देवेंद्र सिंह गुर्जर से संपर्क किया।

देवेंद्र ने अपने साथी शुभम गुर्जर और अन्य बिचौलियों के जरिए करीब 16 लाख रुपये लेकर पीयूष को फर्जी FMGE पास सर्टिफिकेट और NMC रजिस्ट्रेशन उपलब्ध करा दिया। इन्हीं दस्तावेजों पर उसने करौली मेडिकल कॉलेज में इंटर्नशिप पूरी कर ली।

तीनों ने सरकारी अस्पतालों में की इंटर्नशिप

SOG की जांच में यह भी सामने आया कि:

  • शुभम गुर्जर ने फर्जी सर्टिफिकेट के सहारे अलवर के राजीव गांधी अस्पताल में इंटर्नशिप की।
  • देवेंद्र सिंह गुर्जर ने भी सरकारी मेडिकल कॉलेज, दौसा में इसी तरीके से इंटर्नशिप पूरी की।

यानी तीनों आरोपी खुद को ‘डॉक्टर’ बताकर सरकारी सिस्टम में प्रवेश कर चुके थे।

फर्जीवाड़े का बड़ा नेटवर्क, कई और नामों की तलाश

प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि यह कोई छोटा फ्रॉड नहीं, बल्कि एक संगठित गिरोह है जो विदेश से MBBS कर लौटे युवाओं को बड़ी रकम लेकर फर्जी FMGE सर्टिफिकेट और NMC रजिस्ट्रेशन मुहैया करवाता है। SOG अब:

  • इस नेटवर्क से जुड़े बिचौलियों,
  • नकली दस्तावेज तैयार करने वालों
  • और ऐसे अन्य युवकों की पहचान कर रही है, जो इसी तरीके से “फर्जी डॉक्टर” बनकर इंटर्नशिप कर रहे हों।

राजस्थान में फर्जी डॉक्टरों का यह खुलासा स्वास्थ्य सुरक्षा और मेडिकल शिक्षा तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

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