
मैकेनिकल इंजीनियरिंग को भले ही कुछ लोग पारंपरिक क्षेत्र मानते हों, लेकिन ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित देश में यह आज भी सबसे अधिक मांग वाले प्रोफेशन में शामिल है। खनन, इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर के तेजी से विस्तार के चलते ऑस्ट्रेलिया में मैकेनिकल इंजीनियर्स की भारी कमी देखी जा रही है। यही वजह है कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने इस प्रोफेशन को अपनी स्किल ऑक्यूपेशन लिस्ट (SOL) और प्रायोरिटी माइग्रेशन स्किल ऑक्यूपेशन लिस्ट (PMSOL) में शामिल किया है।
भारतीय छात्रों के लिए सुनहरा अवसर
ऑस्ट्रेलिया को उच्च शिक्षा के लिए दुनिया के सर्वश्रेष्ठ देशों में गिना जाता है। यहां की यूनिवर्सिटीज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त हैं और पढ़ाई के साथ-साथ इंडस्ट्री एक्सपोजर भी मिलता है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने वाले विदेशी छात्रों को यहां पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी और परमानेंट रेजिडेंसी (PR) पाने के अच्छे अवसर मिलते हैं।
कितनी मिलती है सैलरी?
जॉब पोर्टल Seek के आंकड़ों के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया में मैकेनिकल इंजीनियर की औसतन सालाना सैलरी 54 लाख से 66 लाख रुपये के बीच है।
एंट्री लेवल इंजीनियर्स को सालाना 42 से 51 लाख रुपये तक का पैकेज मिलता है।
अनुभव के साथ यह सैलरी 1 करोड़ रुपये सालाना से भी अधिक हो जाती है।
विशेष रूप से खनन उद्योग में सबसे अधिक वेतन दिया जा रहा है, जबकि रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर भी तेजी से उभर रहा है।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग के लिए टॉप यूनिवर्सिटीज
ऑस्ट्रेलिया की कई यूनिवर्सिटीज मैकेनिकल इंजीनियरिंग में विश्वस्तरीय शिक्षा प्रदान करती हैं। प्रमुख विश्वविद्यालयों में शामिल हैं—
यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स
यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी
यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न
मोनाश यूनिवर्सिटी
यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड
RMIT यूनिवर्सिटी
ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी
यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी सिडनी
यूनिवर्सिटी ऑफ एडिलेड
यूनिवर्सिटी ऑफ वोलोंगोंग
भविष्य कितना सुरक्षित?
लेबर मार्केट इनसाइट्स की रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया में मैकेनिकल इंजीनियरों की नौकरियों में 2034 तक 9 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है, जो अन्य पेशों की तुलना में कहीं अधिक है।
इंजीनियर्स ऑस्ट्रेलिया के आंकड़े बताते हैं कि लगभग 87 प्रतिशत इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स अपनी डिग्री पूरी करने के कुछ ही महीनों के भीतर फुल-टाइम नौकरी हासिल कर लेते हैं।
निष्कर्ष
बेहतर शिक्षा, आकर्षक सैलरी, वैश्विक अनुभव और परमानेंट रेजिडेंसी की संभावनाओं के चलते ऑस्ट्रेलिया मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभरा है। खासतौर पर भारतीय छात्रों के लिए यह देश करियर और भविष्य दोनों को मजबूत करने का शानदार मौका प्रदान करता है।