
नई दिल्ली: चांदी की कीमतों में आज भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। शुरुआती कारोबार में चांदी 2,54,174 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई, लेकिन दोपहर के कारोबार के दौरान केवल एक घंटे में ₹21,000 की गिरावट आई। इसके बाद चांदी का भाव 2,33,120 रुपये के स्तर पर आ गया।
अंतरराष्ट्रीय बाजार का असर:
सोमवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमत पहली बार $82 प्रति औंस पार गई, लेकिन अमेरिका और यूक्रेन के बीच संभावित शांति समझौते की खबरों और मुनाफावसूली के चलते यह $75 के स्तर से नीचे गिर गई। इस खबर ने निवेशकों को राहत दी और सुरक्षित निवेश माने जाने वाली धातुओं की मांग में कमी आई।
MCX में उतार-चढ़ाव:
MCX पर मार्च वायदा के तहत चांदी पहले 2,47,194 रुपये पर खुली और शुरुआती कारोबार में 2,54,174 रुपये तक पहुंच गई। इसके बाद इसमें तेजी से गिरावट आई और यह एक समय पर 2,32,663 रुपये पर ट्रेड करने लगी।
तीव्र तेजी के कारण:
अमेरिका ने चांदी को महत्वपूर्ण खनिज घोषित किया।
उत्पादन और आपूर्ति में बाधाएं।
औद्योगिक और निवेश दोनों क्षेत्रों से मांग में वृद्धि।
इस साल अब तक चांदी ने 181% का रिटर्न दिया है।
गिरावट के कारण:
लगातार तेजी के चलते निवेशकों ने मुनाफावसूली की।
शिकागो मर्केंटाइल एक्सचेंज (CME) ने मार्च 2026 वायदा अनुबंध के लिए मार्जिन आवश्यकता बढ़ा दी। पहले $20,000 थी, अब $25,000।
विशेषज्ञों की राय:
रिलायंस सिक्योरिटीज के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट जिगर त्रिवेदी का कहना है कि ₹2.4 लाख का स्तर चांदी के लिए निकट भविष्य में महत्वपूर्ण सपोर्ट होगा। वहीं, अमेरिका स्थित वित्तीय फर्म BTIG ने चेतावनी दी है कि कीमती धातुओं की कीमतें “पैराबोलिक” हो गई हैं, यानी बहुत तेजी से ऊपर गई हैं, और इसके बाद बड़ी गिरावट संभव है।
निवेशकों के लिए सलाह:
इतिहास में चांदी की तेज़ बढ़त के बाद अक्सर बड़ी गिरावट आई है। उदाहरण के तौर पर 1987, 1979-80 और 2011 में चांदी की कीमतों में अचानक उछाल के बाद 50% या उससे अधिक की गिरावट दर्ज की गई। इसलिए निवेशकों को सतर्क रहकर, लंबी अवधि के नजरिए से निवेश करना चाहिए।