
नई दिल्ली: भारत में कर्मचारी अब पहले से कहीं ज्यादा जल्दी नौकरी बदलने को तैयार हैं। हालिया स्टडी में सामने आया है कि 70 प्रतिशत कर्मचारी एक साल से पहले ही वर्तमान नौकरी छोड़कर नई कंपनी ज्वॉइन करने को इच्छुक हैं। खास बात यह है कि इसके पीछे केवल सैलरी की चाहत नहीं है, बल्कि अन्य कई कारण भी काम कर रहे हैं।
युवा कर्मचारी सबसे आगे
स्टडी से पता चला है कि युवा कर्मचारी और जेनेरेशन Z सबसे जल्दी नई नौकरी की तलाश में लग जाते हैं। केवल 26 प्रतिशत कर्मचारी ही ऐसे हैं जो एक कंपनी में एक साल से अधिक रुकना चाहते हैं, जबकि 4 प्रतिशत ने अभी इस पर विचार नहीं किया।
किन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा जॉब स्वीच का चलन
हेल्थकेयर, बायोटेक और फार्मा सेक्टर में जॉब स्वीच की संभावना सबसे ज्यादा है।
इन क्षेत्रों में 81 प्रतिशत कर्मचारी एक साल के अंदर नौकरी बदलना चाहते हैं।
जेनेरेशन Z में यह आंकड़ा 76 प्रतिशत, जबकि मिलेनियल्स में 68 प्रतिशत है।
सैलरी ही नहीं, वर्क कल्चर और फ्लेक्सिबिलिटी भी मायने रखती है
स्टडी के अनुसार, 66 प्रतिशत कर्मचारी इस वजह से नौकरी बदलना चाहते हैं कि उन्हें बेहतर वर्क कल्चर और फ्लेक्सिबिलिटी की तलाश है। इसके लिए वे सैलरी कम मिलने को भी सहन कर सकते हैं। यह प्रवृत्ति सिर्फ जूनियर कर्मचारियों तक सीमित नहीं है, बल्कि सीनियर लेवल पर भी कर्मचारी यही कारण बताते हैं।
कई कर्मचारियों ने बताया कि वे वर्तमान नौकरी से इसलिए खुश नहीं हैं क्योंकि उनका वर्क-लाइफ बैलेंस बिगड़ रहा है, और मैनेजमेंट के साथ कम्युनिकेशन गैप बहुत ज्यादा है। अगर बात दो साल की नौकरी की हो, तो नौकरी बदलने वाले कर्मचारियों की संख्या और भी बढ़ जाती है।
निष्कर्ष
स्टडी से साफ है कि आज के कर्मचारी केवल उच्च सैलरी के लिए ही नहीं, बल्कि सकारात्मक वर्कप्लेस और संतुलित जीवन के लिए नौकरी बदलने को तैयार हैं। कंपनियों के लिए यह संकेत है कि वर्क कल्चर, फ्लेक्सिबिलिटी और कर्मचारी संतुष्टि पर ध्यान देना अब पहले से ज्यादा जरूरी हो गया है।