
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के तीन प्रमुख शहर—लखनऊ, कानपुर और आगरा—में मेट्रो नेटवर्क का लॉन्ग-टर्म विस्तार करने की तैयारी तेज हो गई है। केंद्र सरकार ने इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी कर दिया है, जिसके बाद उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UPMRC) ने वर्ष 2047 तक के शहरी परिवहन ढांचे को ध्यान में रखते हुए ‘विजन डॉक्यूमेंट 2047’ तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
योजना का उद्देश्य तेजी से बढ़ते शहरीकरण के बीच आधुनिक, सुरक्षित और सुगम सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था विकसित करना है। मेट्रो नेटवर्क का विस्तार केवल वर्तमान जरूरतों तक सीमित नहीं होगा, बल्कि भविष्य में बढ़ती आबादी, शहरी विस्तार और औद्योगिक विकास को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा।
तीन शहरों पर होगा फोकस
योजना के तहत लखनऊ, कानपुर और आगरा में मेट्रो कॉरिडोर का व्यापक और चरणबद्ध विस्तार किया जाएगा। वर्ष 2025 से 2047 तक की शहरी परिवहन जरूरतों के लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है। विकास प्राधिकरणों के मास्टर प्लान के साथ मेट्रो रूट और स्टेशनों का समन्वय किया जाएगा, ताकि भविष्य में बनने वाले नए आवासीय, व्यावसायिक और औद्योगिक क्षेत्रों को सीधे मेट्रो नेटवर्क से जोड़ा जा सके।
विकास प्राधिकरणों से सहयोग मांगा गया
UPMRC ने लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA), कानपुर विकास प्राधिकरण (KDA), आगरा विकास प्राधिकरण (ADA) और उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद से सहयोग मांगा है। प्राधिकरणों से उनके मास्टर प्लान, भूमि उपयोग की रूपरेखा और प्रस्तावित विकास परियोजनाओं की सूची उपलब्ध कराने को कहा गया है, ताकि मेट्रो के भावी रूट और स्टेशन उन क्षेत्रों तक पहुंच सकें, जहां भविष्य में आबादी और आर्थिक गतिविधियां केंद्रित होंगी।
केंद्रीय मंजूरी और आगे की प्रक्रिया
केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय की मंजूरी मिलने के बाद, UPMRC अब वैकल्पिक विश्लेषण रिपोर्ट (Alternative Analysis Report) और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करेगा। इसके माध्यम से तय होगा कि किन क्षेत्रों में मेट्रो के अलावा अन्य आधुनिक परिवहन प्रणालियां—जैसे लाइट मेट्रो या मेट्रोलाइट—अधिक उपयुक्त होंगी।
ट्रैफिक व्यवस्था और अर्थव्यवस्था को मिलेगा लाभ
शहरी नियोजन विशेषज्ञों का कहना है कि यह लॉन्ग-टर्म डेवलपमेंट प्लान शहरों की ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के साथ-साथ प्रदूषण कम करने, आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और जीवन स्तर सुधारने में भी मदद करेगा।
केंद्र और राज्य सरकार की यह पहल उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों को भविष्य के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।