
भोपाल: रविवार को भोपाल में मेट्रो सेवा का शुभारंभ हुआ, जिसने शहरवासियों के चेहरे पर मुस्कान और दिलों में उत्साह भर दिया। यह सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि शहरवासियों के लिए एक यादगार अनुभव बन गया। बच्चे झूम उठे, छात्र उत्साहित थे, और कामकाजी पेशेवरों के चेहरे पर भी खुशी साफ झलक रही थी।
मेट्रो के अंदर का नजारा
पहली सवारी के दौरान मेट्रो की बोगियों में गाने, नृत्य और सेल्फी की होड़ लगी रही। सॉफ्टवेयर इंजीनियर राघव ने बताया, “पूरा कोच गाने और हंसी–खुशी से गूंज रहा था। अजनबी एक–दूसरे से पुराने दोस्तों की तरह हंसकर बातें कर रहे थे।“ वहीं प्रिया ने अपने फोन पर हर पल कैद किया और कहा, “मैंने कई सारी सेल्फी और रील बनाई हैं।“ स्टेशनों पर भी सेल्फी स्पॉट बनाए गए, जहां यात्रियों की हंसी और बातचीत गूंज रही थी।
यात्रियों का उत्साह देखते ही बनता था
कई यात्रियों को यह अनुभव इतना भाया कि वे एक बार उतरने के बाद फिर से मेट्रो में चढ़ गए, सिर्फ शहर के नजारों और उत्साह का आनंद लेने के लिए। मेट्रो की ऊंचाई से भोपाल के हरे-भरे पार्क और व्यस्त सड़कें एक नए नजरिए से देखने को मिलीं।
ओम प्रकाश, जिन्होंने जीवनभर ट्रेनें चढ़ी हैं, ने कहा, “ट्रेनें हमेशा एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए होती थीं, लेकिन यह मेट्रो की सवारी खास लगी। जैसे एक पल जिसे मैं संजोना चाहता था।“
शहर के लिए गर्व और प्रगति का प्रतीक
उद्घाटन के दिन शहर में उत्सव जैसा माहौल रहा। कुछ ही घंटों में अनुमानित 5 से 6 हजार यात्रियों ने अपनी पहली मेट्रो यात्रा का आनंद लिया। भोपाल मेट्रो अब न केवल सुविधा बल्कि शहर के लिए प्रगति और गर्व का प्रतीक बन चुकी है।