Friday, November 7

गुड मॉर्निंग, सर! राइफल छोड़ने वाले माओवादी अब बस्तर में करेंगे मेहमानों का स्वागत

रायपुर (छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़ के बस्तर में अब वह दृश्य देखने को मिल रहा है, जिसका कभी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। कभी बंदूकें थामने वाले 30 पूर्व माओवादियों ने अब हॉस्पिटैलिटी की ट्रेनिंग शुरू कर दी है और वे अब होटलों, रिसॉर्ट्स और होमस्टे में मेहमानों का स्वागत कर रहे हैं।

नक्सलियों से ट्रेनी तक का सफर

इन पूर्व कैडरों को बस्तर के अदवाल क्षेत्र स्थित एक स्किल डेवलपमेंट कॉलेज में तीन महीने का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें उन्हें होटल मैनेजमेंट, फ्रंट ऑफिस, ग्राहक सेवा, साफ-सफाई और बातचीत की कला सिखाई जा रही है। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें स्टाइपेंड भी दिया जा रहा है।

बस्तर रेंज के IG पी. सुंदरराज ने बताया कि इन 30 पूर्व माओवादी कैडरों ने खुद हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र को चुना। उन्होंने सेवा करना और सीखना अपने लिए सबसे उपयुक्त विकल्प माना। IG ने यह भी बताया कि बस्तर संभाग के अन्य जिलों में टेलरिंग, कारपेंटर, बिजली और कंस्ट्रक्शन जैसी स्किल ट्रेनिंग भी चल रही हैं, लेकिन यह समूह हॉस्पिटैलिटी में उत्कृष्टता हासिल करना चाहता था।

आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बड़ा कदम

IG सुंदरराज ने कहा कि यह पहल इन पूर्व कैडरों को सम्मानजनक और आत्मनिर्भर जीवन जीने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इसके साथ ही यह मुख्यधारा में लौटने वाले अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा भी बनेगी। ट्रेनर्स का कहना है कि ये युवा तेजी से सीखते हैं, उत्साहित हैं और बदलाव के लिए तैयार हैं।

नई जिंदगी, नई जिम्मेदारी

बीजापुर के पूर्व कैडर रामू (नाम बदलकर) ने बताया, “जंगल में जिंदगी डर और नुकसान से भरी थी। अब मुझे असली आजादी और उद्देश्य का एहसास हो रहा है। मैं कड़ी मेहनत करना चाहता हूं और अपने परिवार को बेहतर जीवन देना चाहता हूं।”

रोजगार और समाज में पुनः जुड़ाव

इन पूर्व माओवादियों को बस्तर के चित्रकूट, तीरथगढ़, कांगेर घाटी और दंतेवाड़ा जैसे पर्यटन स्थलों पर रिसॉर्ट्स, इको-टूरिज्म सेंटर और होमस्टे में नौकरी दिलाई जाएगी। यह पहल समाज में अलगाव तोड़ने और युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने का भी प्रयास है।

गौरतलब है कि जहाँ कभी बस्तर के जंगलों में गोलियों की आवाजें गूंजती थीं, आज वहीं के पूर्व नक्सली ट्रेनी बनकर मुस्कुराते हुए कहते हैं – “गुड मॉर्निंग, सर! वेलकम टू बस्तर।”

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