
इंजीनियरिंग की स्थिर और अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी छोड़कर डॉक्टर बनना कोई आसान फैसला नहीं। लेकिन आकृति गोयल ने यह साहसिक कदम उठाया—और अपने जीवन की दिशा बदल दी। हल्की-फुल्की बातचीत से शुरू हुआ मज़ाक, असल जिंदगी का निर्णायक मोड़ बन गया। बीटेक के बाद स्टार्टअप में लीडरशिप रोल, शानदार सैलरी और सफल करियर के बावजूद उन्हें यह एहसास हुआ कि खुशियां कहीं और हैं—और वहीं से शुरू हुआ MBBS तक का उनका सफर।
“शुरू से शुरुआत करने से कभी मत डरें” – आकृति
आकृति बताती हैं कि इंजीनियरिंग का अनुभव उनके बहुत काम आया, लेकिन मन को सुकून नहीं मिला। उन्होंने कहा—
“मेरे पास सबकुछ था, लेकिन खुशी नहीं। अब समझ आता है कि मैं डॉक्टर क्यों बनना चाहती हूं।
हम अक्सर सोचते हैं कि अगर कोशिश फेल हो गई तो क्या होगा… लेकिन हमें यह सोचना चाहिए कि अगर यह काम कर गया तो क्या होगा?”
मज़ाक-मज़ाक में शुरू की NEET की पढ़ाई, फिर बन गया सपना
NEET का सिलेबस और कुछ फ्री क्लासेस वे मज़े में देखने लगीं। कुछ वीडियो पसंद आए और उन्होंने तय किया—
अगर 13 दिनों तक रोज 10 घंटे पढ़ सकी, तो 1 अगस्त 2020 को बड़ा फैसला लेंगी।
यहीं से उनकी जिंदगी ने नई करवट ली।
करियर कोच से बात और Ikigai—यहीं से बदला रास्ता
17 जुलाई 2020 को करियर कोच देवाशीष से बातचीत के दौरान उन्होंने HR, योगा टीचर, लॉ समेत कई रास्तों पर विचार किया।
Ikigai (जापानी जीवन-दर्शन) की प्रैक्टिस के दौरान उनके मन में अचानक MBBS का विचार आया।
पहले लगा—बहुत देर हो चुकी है, लेकिन दिल से आने वाली आवाज़ को नहीं टाला।
स्ट्रेस, बीमारी और लॉकडाउन… 2020 का बड़ा मोड़
2020 की शुरुआत तनावपूर्ण नौकरी और लंबी वर्किंग आवर के बीच बीती।
जनवरी में वह बीमार पड़ीं।
मार्च 2020 में लॉकडाउन के दो दिन बाद नौकरी छोड़ दी।
कुछ महीनों तक आराम किया, फिर बेचैनी होने लगी—
क्या फिर वही नौकरी करूं? क्या फिर से वही तनाव झेलना होगा?
यहीं से उन्होंने अपनी जिंदगी की दिशा बदलने का फैसला किया।
स्टार्टअप में लीडरशिप रोल और फिर मेडिकल का रास्ता
आकृति ने कॉलेज प्लेसमेंट नहीं लिया।
ऑफलाइन इंटरव्यू देकर स्टार्टअप ज्वॉइन किया, आत्मविश्वास बढ़ा।
नौकरियां बदलते हुए हीलोफाई नाम के स्टार्टअप में लीडरशिप रोल मिला और CEO के साथ काम किया।
लेकिन मन में दबी डॉक्टर बनने की इच्छा फिर उभर आई—और इस बार उन्होंने खुद को रोका नहीं।
इंजीनियर जैसी प्लानिंग… 100+ मॉक टेस्ट और AIR 1118
12 अगस्त 2020 से उन्होंने NEET की ऑनलाइन तैयारी शुरू की।
- रोज 10+ घंटे पढ़ाई
- 100 से ज्यादा मॉक टेस्ट
- पूरी प्लानिंग इंजीनियरिंग की तरह स्ट्रक्चर्ड
2021 में NEET दिया और AIR 1118 हासिल की।
इसके बाद हिंदू राव मेडिकल कॉलेज में MBBS में दाखिला लिया।
BITS पिलानी से डुअल डिग्री, 8.8 CGPA
आकृति शुरू से ही मेधावी रहीं।
बायोलॉजी में टॉप किया, मेडिकल में जाना चाहती थीं, लेकिन 10वीं में कंफ्यूजन था—इंजीनियरिंग या मेडिकल?
महिला इंजीनियर का रोल मॉडल बनने का सपना भी था।
AIPMT क्लियर नहीं हुआ, IIT और NIT में असफलता मिली, लेकिन BITSAT में स्कोर अच्छा आया।
BITS पिलानी में MSc Economics + BTech (EEE) डुअल डिग्री प्रोग्राम में एडमिशन लिया और 8.8 CGPA के साथ डिग्री पूरी की।
बचपन से डॉक्टर बनने का सपना
LinkedIn पोस्ट में आकृति बताती हैं कि बचपन से ही डॉक्टर बनने का जुनून था।
लेकिन कॉलेज चुनते वक्त मन में बहुत उलझनें थीं—परिवार, दोस्तों और समाज की राय ने इंजीनियरिंग की ओर मोड़ दिया।
फिर भी सपना कहीं भीतर जीवित था—और आखिरकार उन्होंने उसे हकीकत में बदल दिया।
**आकृति गोयल की कहानी यह सीख देती है—
“अगर रास्ता बदलना पड़े, तो बदलें। जिंदगी वही है, जहाँ दिल खुशी से धड़कता है।”**