दोपहर को कमरा लिया, रात में सामान रखा, फिर दो महीने तक नहीं दिखा… आतंकी मुजम्मिल के मकान मालिक ने बताई सच्चाई
फरीदाबाद: संदिग्ध आतंकी मुजम्मिल शकील को किराए पर कमरा देने वाले 85 वर्षीय बुजुर्ग कारोबारी हाजी मद्रासी ने इस मामले में चौंकाने वाली जानकारी साझा की है। हाजी मद्रासी ने नवभारत टाइम्स से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि 13 सितंबर को मुजम्मिल उनके पास आया था और एक कमरा किराए पर लेने की बात कही।
मुकाबला किराया 1200 रुपये तय किया गया था, और मुजम्मिल ने दो महीने का एडवांस किराया भी अदा किया था। इसके बाद वह शाम को सामान रखने के लिए आया और फिर दो महीने तक उसका कोई अता-पता नहीं चला। जब हाजी मद्रासी ने उसके सामान के बारे में पूछा, तो मुजम्मिल ने जवाब दिया कि वह घरेलू सामान रख रहा है और कुछ दिनों में लौटकर रहेगा। उस समय हाजी मद्रासी को बिल्कुल भी शक नहीं था कि वह शख्स एक आतंकवादी होगा और उसके कारण वह पूरे इलाके में बदनाम हो जाएगा।
हाजी मद्रासी का कारोबार और इतिहास
हाजी मद्रासी मूलरूप से धौज...









